Book Title: Karmprakruti
Author(s): Malaygiri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 10
________________ गाथाङ्क: गाथाङ्कः अनुक्रम ॥ ५ ॥ .... ... ३ ३-७ कर्मप्रकृतिः विषयः निक्षेपप्ररूपणा ना .... अनुनागस्य अपवर्तना.... अपबहुत्वम् * कालो विषयश्च । ३-४ इति उपर्तनापवर्तने १२१ पत्रं यावत् । नदीरणाया लक्षणं-नेदाश्च .... साधनादिप्ररूपणा-स्वामिनः प्रकृतेरुदीरणास्थानानि .... १३-२० .... ए-३२ अनुनागस्य .... ४३-७ए प्रदेशानाम् .... .... Go-नए ५ इति उदीरणा १६० पत्रं यावत् । विषयः अकरणोपशमनानुयोगिनमस्कारः करणकृताया उपशमनाया जेदौ .... मोहसर्वोपशमाईः करणस्वरूपम् , स्थितिघातस्वरूपम्, गुणश्रेणिस्वरूपम्, अनिवृत्तिकरणस्वरूपम्, उपशमस्वरूपम् , सम्यग्दृष्टि स्वरूपम्, मिथ्यादृष्टिस्वरूपम्, चारित्रमोहोपशमकः अनन्तानुबन्धिविसंयोजना दर्शनमोहदयः स्थिते .... .... CH JainEducaticallkat For Private & Personal use only Dehelibrary.org

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