Book Title: Kalpasutra Kalpalati Tika
Author(s): Bhadrabahuswami, Samaysundar Gani,
Publisher: Jinduttasuri Gyanbhandar

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobairthorg शिष्यदक्षमहोपाध्याय-श्रीसिद्धिवर्धन-गणिवराणां विनेयवरैः श्रीगुणविलासोपाध्यायैः लिपीकृता प्रतिरिय वाच्यमाना चिरं नन्द्यात् ॥ राउल श्रीअखयसिंहजी विजयराज्ये ॥ श्रीः॥ (४) चतुर्थ सूर्यपुर (सूरत) श्रीमोहनलालजीजैन-मानभाण्डागारतः तत्कार्यसंवाहकद्वारा (१६९ पत्रमानक) संप्राप्तम् , तत्यान्ते लेखोऽयमलितः यथा सम्बत् १८११ वर्षे माहवदि १ दिने चन्द्रवारे लिखितोऽयं ग्रंथः॥ (५पंचमम् (अमदावादस्थं) श्रीविजयसिद्धिसूरिजीमहाराजाणां कृपया संप्राप्तम् (९४) पत्रात्मकम् । (६) षष्ठं (सूरतस्थ) परम गुरुवर्यश्रीजिनकृपाचन्द्रसूरिभिः-संस्थापित-श्रीजिनदत्तसूरिज्ञानभाण्डारतः तत्रस्थकार्यसंवाहक शाह|मोतीचन्द्र-मगुभाइनामकेन-आनाय्य प्रदत्तम् ( १८९) पत्रमानकम् ।। (७) सप्तमम् (बीकानेरस्थ) श्रीजिनकृपाचन्द्रसूरिज्ञानभाण्डागारात् तत्कार्यकर्ता शा० शंकरदानजी अगरचन्द्रजी नाहटानामकेन प्रेषितम् (१८१) संख्याकपात्मकम् ॥ श्रीकालिकाचार्यकथायाः संप्राप्तपुस्तकानिXI (१) प्रथमं (बीकानेरस्थं)जं० जु० भ० व्याख्यानवाचस्पतिश्रीजिनचारित्रसूरेः प्रसादेन प्राप्तम् शरेन्दु (१५) पत्रात्मकम् ।। (२) द्वितीय (जेसलमेरस्थं) म० उ० पं० प्र० वृद्धिचन्द्रजीनामकेन महाशयेन प्रेषितं नव (९) पत्रात्मकम् , तत्वान्ते समाप्तिलेखश्चैवं For Private and Personal Use Only

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