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जैनधर्म, अहिंसा और शाकाहार बस एक क्लिक पर
निर्मलकुमार पटोदी
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इण्टरनेट पर किसी भी मुद्दे की जानकारी सर्च करते वक्त सूचनाओं का एक पूरा खजाना मिल जाता है। दुनिया में यह सूचनाओं का सबसे बड़ा स्रोत इसके अन्दर 30 से 50 मिलियन लोगों तक पहुँचने की ताकत है। इन्दौर के श्री अर्पित पाटोदी पिछले दस साल से इस आधुनिक विधा से जुड़े हुए हैं। इन्हें विचार आया कि आत्मसाधक जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की मानव - हितैषी, जीवदया, अहिंसा, शाकाहार आदि भावनाओं पर पूरे देश में समाज, व्यक्ति और संस्थाओं द्वारा जो रचनात्मक कार्य किये जा रहे हैं, उन्हें इंटरनेट के सशक्त और प्रभावी माध्यम से पूरे विश्व को अवगत कराना चाहिये। अपने इस विचार को संकल्प, सूझबूझ और लगन से दयोदय चेरिटेबल फाउण्डेशन ट्रस्ट, इन्दौर की तरफ से दिन-रात मेहनत करके तपोनिधि विद्यासागर जी के नाम से www.vidyasagar.net वेबसाइट बनाना प्रारंभ किया। उनके जुझारूपन का सुफल आज सबके सामने है। लगभग 450 पृष्ठों की, वह भी राष्ट्रभाषा हिंदी में बनायी गयी दिगम्बर जैनधर्म की सर्वाधिक देखी जाने वाली शिखर पर आसीन वेबसाइट हो चुकी है। अब तक इस नि:शुल्क अनुपम वेबसाइट से सवा लाख से अधिक इंटरनेट यूजर्स लाभ उठा चुके हैं।
लिये श्री अर्पित पाटोदी द्वारा भरपूर कोशिश करने पर आज इस वेबसाइट पर न्यूयार्क, वाशिंगटन, लास वेगास, लास एंजिल्स, केलिफोर्निया, ओस्लो, सेन फ्रांसिस्को, लंदन, पेरिस, रोम, फ्लोरेंस, ब्रुसेल्स, बर्लिन, ज्यूरिख, स्टॉकहोम, कोपनहेगन, प्राग, विएना, दुबई, हाँगकाँग, सिंगापुर, बैंकाक, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रिका, मारिशस आदि में स्थित शाकाहारी रेस्टोरेंट, जो प्रमुखता से भारतीयों द्वारा संचालित हैं, की नाम-पते, सम्पर्कसहित जानकारी इस वेबसाइट में है। इसी प्रकार भारत के 26 प्रमुख शहरों के उपलब्ध शाकाहारी रेस्टोरेंट की सूचि से वेबसाइट की महत्ता स्वतः दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती जा रही है।
वेबसाइट में जहाँ एक ओर जैनधर्म के विभिन्न पहलुओं का समावेश है, वहीं दूसरी ओर शाकाहार, अहिंसा, जैन ध्वज, प्रतीक चिह्न, कैलेण्डर, तिथि दर्पण व पर्व संबंधी अनेक प्रकार की जानकारियाँ हैं । चित्र आदि सामग्री को कोई भी डाउन लोड कर सकता है।
दुनिया में जैनियों से ज्यादा करोड़ों की संख्या शाकाहारियों की है । अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय संस्था रहे रामा, हरे कृष्णा इस्कान के अनुयायी शुद्ध शाकाहारी हैं। इसी इस्कान की पहल से पूरी दुनिया में, यहाँ तक कि हवाई यात्रा में भी जैनभोजन मिलने लगा है। जैन मील (Jain meal) शब्द इस्कान के कारण विश्वव्यापी
है। सभी शाकाहारियों को शाकाहारी भोजन विश्व और भारत के प्रमुख शहरों के रेस्टोरेंट में जहाँ मिल रहा है, उस स्थान और उससे सम्पर्क की जानकारी एक बड़ी आवश्यकता थी । इस समस्या के निदान के
Jain Education International
दिगम्बर जैन श्रद्धालुओं में भगवान् के नियमित दर्शन-पूजन करने की परम्परा है। धर्मात्माओं की भारत और विश्व के जैनमंदिरों में दर्शन करने की श्रद्धा-भक्ति का ध्यान रखते हुए वेबसाइट में पूरी दुनिया के दिगम्बर जैन मंदिरों की सूची, नाम-पता, सम्पर्क सहित प्रस्तुत की जा रही है। जैसे-जैसे विभिन्न माध्यमों से रेस्टोरेंट और मंदिरों की जानकारी मिल रही है, सूची को परिपूर्ण बनाने का क्रम अनवरत जारी है। अभी-अभी लंदन स्थित दिगम्बर जैन मंदिर की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गयी है ।
संत शिरोमणि विद्यासागर जी उदात्त परोपकारी भावना से प्रेरित होकर समाज की संस्थाओं और ट्रस्टों जैसे श्री दिगम्बर जैन अमरकंटक क्षेत्रीय विकास समिति, अमरकंटक, श्री दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र, कुण्डलपुर (दमोह), श्री दिगम्बर जैन सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र, नेमावर (म.प्र.) श्री दिगम्बर जैन शीतल विहार, शीतलधाम, विदिशा, बीना बारहा (जिला - सागर) तथा श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, रामटेक (नागपुर) आदि में हजार वर्ष से अधिक समय तक टिकने वाले पाषाण के विशाल, कलात्मक मंदिर तेजी से पूर्ण स्वरूप ग्रहण करते जा रहे हैं। इन सबका सचित्र पर्याप्त विवरण वेबसाइट पर प्रस्तुत किया गया है। भाग्योदयतीर्थ हॉस्पिटल, प्राकृतिक चिकित्सालय व फार्मेसी कॉलेज, सागर में एक ही परिसर में है । जबलपुर के तिलवारा घाट पर संचालित
दिसम्बर 2008 जिनभाषित 23
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