Book Title: Jinabhashita 2006 10
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 30
________________ अग्रज जैन/राकेश जैन, झालावाड (राज.), 30. पं. सुरेश | ज्ञानपीठ पुरस्कार के रूप में प्राप्त 25000 रु. की राशि में जैन, पहाड़ी (राज.), 31. पं. वृषभ जैन चंदू जी, गढ़ा | इतनी ही राशि अपनी ओर से मिलाकर अपनी पूज्य माँ (राज.), 32. पं. मयंक जैन/सुदीप जैन, जैतपुरकलां आगरा | श्रीमती चमेलीबाई की पुण्यस्मृति में इस निधि की स्थापना (उ.प्र.), 33. पं. सौरभ जैन, भीलवाड़ा (राज.), 34. पं. | की थी। बैठक में उन्होंने यह सूचना भी दी कि इसी 8 राहुल जैन/आदीश जैन, चिरगांव (उ.प्र.), 35. पं. ब्रजेश | अक्टूबर को त्रिलोक शोध संस्थान, हस्तिनापुर भी अपना जैन/पुष्पेन्द्र जैन, एत्मादपुर आगरा (उ.प्र.), 36. पं. राहुल | सर्वोच्च सम्मान गणिनी ज्ञानमती पुरस्कार' (एक लाख रुपये) जैन/जिग्नेश जैन अवागढ (उ.प्र.),37.पं.यशवन्त जैन/राजेश | उन्हें प्रदान कर रहा है। यह राशि जैन, लालसोंठ (राज.), 38. पं. सौरभ जैन, मोती कटरा | | अर्पित करना चाहते हैं। सभी उपस्थित महानुभावों के मन में आगरा (उ.प्र.) उनकी इस निःस्पृहता से उत्साह की लहर दौड़ गई और विधि-विधान, अनुष्ठान हेतु संस्थान से सम्पर्क करें। | उनकी प्रशस्त भावना को साकार करने का सबका मानस मोबाइल - 9412626524 फोन - 0565 2420323 | बन गया। श्रुत सेवा निधि, जो एक लघु बीज के समान थी, निरंजन बैनाडा || | अब एक छायादार वृक्ष बनने की ओर उन्मुख है। वामन से (अधिष्ठाता) विराट् बनने की इस यात्रा के पीछे प्राचार्य जी की प्रेरणा एवं त्याग भावना से सभी अभिभूत थे। श्री जिनेन्द्र अर्चना सम्पन्न अनूपचन्द्र जैन (एडवोकेट) अलवर - पर्युषण पर्व की पावन बेला पर अनिल मंत्री राखी परिवार अलवर द्वारा अहिंसा स्थली पर श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन किया गया। श्री सम्मेदशिखर जी में श्रावक संस्कार शिविर सम्पन्न मुजफ्फर नगर - नमिनाथ भगवान के गर्भ कल्याणक ____ तीर्थराज श्री सम्मेदशिखर की पावन भूमि पर संत 9 सितम्बर से 18 सितम्बर तक गणिनी आर्यिका रत्न ज्ञानमती शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक माताजी द्वारा लिखित श्री इन्द्रध्वज महामंडल विधान का शिष्य, श्री प्रमाण सागर जी महाराज के ससंघ सान्निध्य में आयोजन प्रेमपुरी मुजफ्फरनगर में किया गया। श्रावक संस्कार शिविर सानन्द सम्पन्न हुआ। पर्युषण पर्व के कानकी - पश्चिमी बंगाल कानकी नगर में 23 सित. | पावन अवसर पर आयोजित इस दस दिवसीय शिविर का से नव दिवसीय अलग अलग विधानों द्वारा श्री जिनेन्द्र उद्घाटन झारखंड सरकार के पर्यटन सचिव के कर कमलों महाअर्चना का आयोजन किया गया। से हुआ तथा शिविर का ध्वजारोहण शिविर पुण्यार्जक श्री उपर्युक्त तीनों विधान प्रतिष्ठाचार्य युवा विद्वान् पं. विमल कुमार प्रेमलता पाटनी, “इम्पेक्स ग्रुप” कोलकाता कमल कुमार कमलांकुर भोपाल द्वारा आगमोक्त रीति से के कर कमलों द्वारा हुआ। मधुवन के इतिहास में प्रथम बार सम्पन्न कराये गये। आयोजित इस शिविर में आठ सौ से अधिक शिविरार्थियों ने डा. पवन विद्रोही भाग लिया तथा इसके अतिरिक्त हजारों ऐसे भी लोग थे, अध्यक्ष, श्री दि. जैन मंदिर, नेहरूनगर, भोपाल (म. प्र.) जिन्होंने बिना पंजीयन के शिविर का लाभ उठाया। इस शिविर में एक विशेष बात यह रही कि इन हजारों लोगों के 'श्रुत सेवा निधि' का लोकार्पण एवं विस्तार । धर्मध्यान हेतु किसी पेशेवर संगीतकार को नहीं बुलाया फीरोजाबाद, 3 अक्टूबर. । प्रा. नरेन्द्रप्रकाश जैन (पूर्व गया। कोलकाता के श्रद्धालु श्रावक मुन्ना पहाड़िया एवं संघस्थ अध्यक्ष-शास्त्री परिषद्) ने आज नगर के वरिष्ठ अधिवक्ता | ब्र. रोहित भैया ने अपने मधुर स्वरों से सभी को भाव विभोर श्री अनूपचन्द्र जैन के आवास पर आहूत उत्साही एवं युवा | कर दिया। मुनिश्री ने यह शिक्षण सभी शिविरार्थियों हेतु एक उद्योगपतियों की एक बैठक में स्वयं के द्वारा स्थापित 'श्रुत | कैप्सूल कोर्स के रूप में तैयार किया था। धर्म और जीवन . सेवा निधि' को समाज को सौंपने तथा लोकहित में उसे | व्यवहार से जुड़े मुनिश्री के मौलिक प्रवचनों की चर्चा पूरे बढ़ाने की अपनी भावना एक मार्मिक अपील के रूप में | प म मधुवन में छायी रही। व्यक्त की। ज्ञातव्य है कि उन्होंने गत वर्ष इन्दौर में कुन्दकुन्द छीतरमल पाटनी 28 अक्टूबर 2006 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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