Book Title: Jinabhashita 2005 01
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 31
________________ गर्भपात तथा बांझपन को दूर करने के लिए अंकुरित | रक्तस्राव होने पर पेडू तथा योनि पर खूब ठण्डे पानी की गेहूँ के विविध व्यंजन कमाल का काम करते हैं। अंकुरित पट्टी या शुद्ध मिट्टी रखें। गेहूँ में गर्भपात तथा बन्धत्व को रोकने वाला फेक्टर स्वाभाविक प्रसव प्राकृतिक प्रक्रिया है इससे माता टोकोफेराल (विटामिन ई) पाया जाता है। गर्भावस्था तथा को सृजन का सुख एवं आनंद मिलता है। इसी विशिष्ट गर्भ के पहले से अंकुरित गेहूँ का दूध, लस्सी, दलिया, गरिमा के कारण माँ को पूज्य माना है। जननी के बाद ही मोटे आटे की रोटी तथा हाथकुटा चावल प्रयोग करें। स्त्री के स्वास्थ्य, सौंदर्य एवं सौरभ में निखार आता है। गर्भपात की चिकित्सा होने के बाद भी नहीं रूके, गर्भपात इतना घातक एवं हानिकारक है कि यह नारी के भ्रूण की मृत्यु हो जाये तो उस स्थिति में प्रकृति गर्भ को जीवन को निचोड़कर कांतिविहीन एवं रोगी बना देता है। स्वतः निकालकर माँ के प्राणों की रक्षा करती है। प्रकृति । प्राकृतिक उपचार एवं प्राकृतिक जीवन अपनाकर गर्भपात के इस कार्य में सहयोग के लिए पेडूयोनि तथा कमर पर | से बचें। गर्म ठंडा सेंक करें। तथा स्तन पर ठण्डी पट्टी रखें । अधिक कार्ड पैलेस, वर्णी कालोनी, सागर (म.प्र.) एलोरा में आ. विद्यासागर भवन का उद्घाटन | कटे-फटे होंठ एवं तालुओं का आपरेशन भाग्योदय तीर्थ चिकित्सालय, सागर में प्रतिवर्षानुसार पूजनीया आर्यिकारत्नद्वय श्री अनंतमती जी व श्री इस वर्ष भी डॉ. एम.के.पाण्ड्या , जैना फाउण्डेशन, अमेरिका आदर्शमति माताजी की प्रेरणा से निर्मित 'आचार्य विद्यासागर के सौजन्य से दिनांक 13 फरवरी 2005 से 20 फरवरी 2005 भवन' का उद्घाटन समारोह दिनांक 13 फरवरी 2005 को तक हृदय, मस्तिष्क एवं शल्य चिकित्सा शिविर का आयोजन अपराह्न 2 बजे श्री रतनलाल जी बैनाड़ा (आगरा) की • किया जा रहा है, जिसमें देश-विदेश के सुपर स्पेशलिस्ट डॉ. अध्यक्षता में श्री समन्तभद्र दिगम्बर जैन गुरुकुल, एलोरा महेन्द्र पाण्ड्या , हृदय रोग विशेषज्ञ अमेरिका, डॉ.व्ही.के. (महाराष्ट्र) में सम्पन्न होगा। इस अवसर पर श्री सभागृह जैन, हृदय रोग विशेषज्ञ, लंदन, डॉ. नितिन जैन, हृदय रोग उद्घाटक श्री देवेन्द्र कुमार सिंघई, मुंगावली, श्रुत भण्डार विशेषज्ञ, अहमदाबाद, डॉ. दीपक जैन, मस्तिष्क मिर्गी, लकवा उद्घाटक श्री बाबूलालजी तोताराम जी लुहाड़िया, भुसावल, रोग विशेषज्ञ, इंदौर, डॉ. मनीष जैन, पेट एवं लीवर रोग मुख्य अतिथि प्रो. रतनचन्द्र जी जैन, भोपाल (संपादक विशेषज्ञ, भोपाल, डॉ. अशोक जैन, पैथालॉजिस्ट, इंदौर, डॉ. जिनभाषित), श्री अरविन्द कुमार जी सिंघई, मुंगावली, | व्ही.के. रैना, शिशु शल्य चिकित्सक, जबलपुर, डॉ. अश्विन श्री शान्तिलालजी गोधा, रतलाम, श्री पवन कुमार जी झांजरी, ऑपटे शिशु शल्य चिकित्सालय, भोपाल, डॉ. श्रीमती मंजू नंदुरबार होंगे। पन्नालाल गंगवाल, मंत्री जैन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, लंदन, डॉ. महावीर सोवेतकर, किडनी एवं मूत्र रोग विशेषज्ञ, महाराष्ट्र, डॉ. महावीर कोठारी, यूरो ज्ञानोदय पुरस्कार घोषित सर्जन, महाराष्ट्र, डॉ.एस.जे आचार्य, किडनी रोग विशेषज्ञ, शान्तिदेवी रतनलाल बोबरा की स्मृति में श्री सूरजमल नागपुर, डॉ. मनीष जैन, निश्चेतना विशेषज्ञ, मेरठ, कीर्ति जैन, नेत्र रोग विशेषज्ञ, मेरठ अपनी सेवायें प्रदान करेंगे। बोबरा द्वारा स्थापित ज्ञानोदय फाउंडेशन द्वार प्रवर्तित तथा कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ इन्दौर द्वारा संचालित ज्ञानोदय पुरस्कार शिविर में कटे होंठ एवं तालू, हाईड्रोसिल, अपेन्डेक्स, त्रिसदस्यीय निर्णायक की अनुशंसा के आधार पर वर्ष बच्चादानी, रीढ़ की हड्डी, आँत की विकृति, श्वास एवं खाने की नली की विकृति, हॉर्निया, ट्यूमर, खून की नलियों के 2002-2003 हेतु निम्न पुरस्कारों की घोषणा की गई। गुच्छे पाईल्स, किडनी, पेशाब के रास्ते की विकृति एवं नेत्र 1. ज्ञानोदय पुरस्कार 2002 'जैनिज्म इन आन्ध्रा' कृति पर रोग संबंधी आपरेशन किये जायेंगे तथा हृदय एवं मस्तिष्क डॉ. जी. जवाहर, हैदराबाद रोग के मरीजों को भी स्वास्थ्य लाभ दिया जायेगा। इस हेतु चिकित्सालय में पूर्व परीक्षण एवं पंजीयन प्रारंभ है। पंजीयन अंतिम तिथि 10 फरवरी 2005 है। 2. ज्ञानोदय पुरस्कार 2003 'गिरनार महात्म्य' शीर्षक कृति पर श्री रामजीत जैन 'एडव्होकेट' ग्वालियर इस पुरस्कार के अन्तर्गत 11,000 रुपये नकद राशि, शाल, श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाता है। डॉ. अनुपम जैन, सचिव ब्र. डॉ. रोहित, शिविर समन्वयक भाग्योदय तीर्थ चिकित्सालय,खुरई रोड, सागर फोन - 266671, 266271 जनवरी 2005 जिनभाषित 29 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 29 30 31 32 33 34 35 36