Book Title: Jinabhashita 2005 01
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 34
________________ समाचार तीर्थ क्षेत्र कमेटी के ध्रौव्यफंड के लिए सहयोग प्रदान करें पैठण (महाराष्ट्र) भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र | शास्त्रीपरिषद्, तीर्थक्षेत्र कमेटी के प्रतिनिधियों सहित एक कमेटी इस समय कई मोर्चों पर एक साथ संघर्ष कर रही | 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है जो निर्णय है। सभी के सहयोग और सद्भावनाओं के फलस्वरूप करेगी कि किस तरह हमें इस प्रकरण को सुलझाना है। हमें सफलतायें भी मिली हैं। रांची हाईकोर्ट ने अपने इसी तारतम्य में हमने राष्ट्रव्यापी आंदोलन की कार्य योजना निर्णय में सम्मेदशिखरजी के पर्वत पर श्वेतांबर समाज के भी बनाई है जिस पर चिंतन चल रहा है जो शीघ्र ही अधिपत्य को नकार दिया है। यह एक बड़ी सफलता है। समाज के सामने प्रस्तुत किया जायेगा। इस केस में तीर्थक्षेत्र कमेटी को 48 लाख रुपयों की राशि श्री सेठी जी ने कहा कि पंचकल्याणक प्रतिष्ठायें भी खर्च करना पड़ी है। गिरनार जी प्रकरण में हमें लंबा संघर्ष | 10 वर्ष तक बंद की जावें ऐसा सभी से विनम्र अनुरोध है। करना पड़ेगा। अंतरिक्ष पार्श्वनाथ (शिरपुर), केशरिया जी सभी संघों से भी इस संबंध में चर्चा की जावेगी। आज आदि अनेक स्थानों पर भी श्वेतांबर समाज से हमें आवश्यकता है शिक्षा मंदिरों के स्थापित करने की। हमें मुकदमाबाजी करनी पड़ रही है। कई चुनौतियाँ हमारे | अपनी समाज के नवयुवकों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध सामने हैं। करानी है। सरकार अल्पसंख्यकों की शिक्षण संस्थाओं भा.दि.जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी का जो ध्रौव्यफंड है को अनुदान भी देती है हमें उसका लाभ भी लेना है। उससे मिलने वाला ब्याज भी बैंक ब्याज दरों के परिवर्तन तकनीकी एवं मेडीकल कालेजों में हम अपनी समाज के के कारण कम हो गया है। फलस्वरूप कमेटी की आय 50 प्रतिशत छात्रों को उनमें प्रवेश दे सकते हैं। भी कम हो गई है। इसी कारण तीर्थ क्षेत्रों को दो वर्षों से उन्होंने कहा कि राज्य एवं केंद्र सरकार तीर्थ क्षेत्रों पर आर्थिक सहायता राशि भी नहीं दे पा रहे हैं। तीर्थ क्षेत्र सड़क, पानी, बिजली, दूरसंचार के साथ आवास के लिए कमेटी के ध्रौव्यफंड को बढ़ाकर 10 करोड़ रुपयों का | कई योजनायें संचालित कर रही है। हमें इन व्यवस्थाओं करने का लक्ष्य आप सभी के सहयोग से पाना है। आप पर क्षेत्रों की राशि खर्च करने की जरूरत नहीं है। आप सभी तीर्थ क्षेत्र कमेटी को सक्षम और समृद्धिशाली बनायें | सभी कार्ययोजना बनाकर शासन से लाभ प्राप्त करें। उक्त आशय के उद्गार भा.दि.जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के | इस अवसर पर तीर्थ क्षेत्र कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अध्यक्ष नरेश सेठी आई.ए.एस. ने अतिशय क्षेत्र पैठण द्वय शरद साहू एवं कमल बड़जात्या (राजश्री पिक्चर्स), (महाराष्ट्र) में आयोजित महाराष्ट्र प्रांतीय (आंचलिक) कोषाध्यक्ष जम्बूकुमार सिंह कासलीवाल, मंत्री शरद जैन, दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के 16 वें अधिवेशन में व्यक्त अभिनंदन सांधेलीय मंत्री भा.दि.जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी किये। मध्यांचल भी उपस्थित थे। उक्त सभी पदाधिकारियों का श्री सेठी जी ने कहा कि अब तक 10 प्रदेशों ने जैन | विभिन्न तीर्थों से आये प्रतिनिधियों ने भावभीना स्वागत समाज को अल्पसंख्यक घोषित किया है। माननीय उच्चतम करते हुए हर्ष व्यक्त किया कि हमारे बीच आज पूरी न्यायालय ने केंद्र सरकार को जैन समाज को अल्पसंख्यक | राष्ट्रीय तीर्थ क्षेत्र कमेटी उपस्थित हुई है। घोषित करने की समय सीमा निर्धारित की है जिस पर महाराष्ट्र प्रांतीय तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष डॉ. केंद्रीय सरकार का जवाब न्यायालय में जाना है। पन्नालाल पापडीवाल ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए अल्पसंख्यक आयोग ने भी जैन समाज को अल्पसंख्यक कहा कि आपने निर्वाचन के डेढ़ माह के भीतर ही हमारे घोषित करने की अनशंसा की है। अध्यक्ष महोदय ने सक्रियता से कार्य करना प्रारंभ कर श्री सेठी जी ने कहा कि गिरनार प्रकरण के निराकरण दिया है। सबसे पहले आपने महाराष्ट्र प्रांत का आमंत्रण के लिए 24 नवंबर को अहमदाबाद में एक बैठक का स्वीकार किया और आज हमारे बीच हैं। महाराष्ट्र प्रांत के आयोजन किया गया था। जिसमें निर्णय लिया गया कि | 80 प्रतिशत तीर्थ पूर्ण विकसित हो चुके हैं, शेष भी शीघ्र महासमिति, परिषद्, महासभा, दक्षिण भारत सभा, बंडी | विकसित हो जावेंगे। लाल जैन कारखाना, विद्वतपरिषद्, निर्मलध्यान केन्द्र, अभिनंदन सांधेलीय, पत्रकार Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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