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जा सकता, क्योंकि आदर्श घोषित ग्रामों की पंचायतों ने तो स्वेच्छा से यह नियम बना लिये हैं कि यदि गाँव में कोई व्यक्ति शराब पीते हुये पाया जायेगा, तो उसे अर्थदण्ड से लेकर गाँव से निकालने तक की सजा का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। शराब बंदी का संकल्प लेने वालों का रिकार्ड भी यहाँ उपलब्ध है ।
मुनि श्री के मण्डला से सौ किलोमीटर दूर स्थित जबलपुर पहुँचने पर भी आदिवासियों द्वारा वहाँ आकर के हिंसक व्यवसाय को छोड़ना जीवन स्तर को सुधारने विकसित हुई, जागृति का ही प्रतीक है। पुरातन कालीन सभ्यता में जीने वाले एवं समाज की मुख्य धारा से कटे हुये इन आदिवासियों के निम्न जीवन स्तर के मूल कारण पर प्रहार कर मुनि श्री ने उन्हें नई राहें दिखाई है, यदि भारत में विचरण करने वाले सभी संत अपने श्रृद्धालुओं की श्रृद्धा का दोहन न करते हुये इसी तरह उनके जीवन स्तर को सुधारने का प्रयास करते रहे तो संतों के सानिध्य में राम राज्य की कल्पना संभावित है
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अमित पड़रिया
जानकारी दें
ऐसा ज्ञात हुआ है कि इस शताब्दी के महानतम चिन्तक, शतावधानी श्रीमद राजचन्द्र जी की पुस्तक 'श्रीमद राजचन्द्र' का प्रस्तावना महात्मा गांधी ने लिखी थी। यह अत्यन्त गौरव का विषय है। आजकल मूल गुजराती से अनुदित इस पुस्तक के जो संस्करण उपलब्ध हैं, उनमें महात्मा गांधी की प्रस्तावना नहीं है। यदि किन्हीं धर्मानुरागी महानुभाव के पास महात्मा गांधी की प्रस्तावना से युक्त उक्त पुस्तक का गुजराती या हिन्दी संस्करण हो तो अवश्य सूचित करने का कष्ट करें या प्रस्तावना की फोटोकापी भेजने की कृपा करें। अग्रिम आभार सहित ।
डॉ. कूपर चंद जैन, खतौली २५१२०१ ( उ.प्र. )
डॉ. ज्योति जैन
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एक उभरती जैन चित्रकार
सुश्री शुभा जैन ने अपने चित्रों की एक प्रदर्शनी गंगा तट, आर्ट गैलरी बाराणसी में लगायी तैल, जल तथा पेस्टल रंगों का उचित मिश्रण कर चित्रों को प्रकृति के अनुरूप बना दिया। बुवा कलाकर ने जीवन के प्रत्येक बिंब को चित्रों के माध्यम से उभारने
का प्रयास किया है। चित्रों में जहाँ एक ओर वे मानवीय संवेदनाओं को उकेरती हैं तो वहीं दूसरी ओर जैन धर्म संस्कृति से सबंधित अनेक विषयों पर उनका रूझान है।
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युवा चित्रकार शुभा जैन सुप्रसिद्ध लेखक एवं संपादक (जैन प्रचारक) डॉ. सुरेश चन्द्र जैन की सुपुत्री हैं। शुभा की संयुक्त और एकल अनेक चित्र प्रदर्शनियां प्रर्दशित हो चुकी हैं। डॉ. श्रीमती ज्योति जैन
खतौली
प्रवीण जैन के आध्यात्मिक चित्र
5 सितंम्बर 03 सुंगभदशमी के दिन आदिनाथ जिनालय छत्रपति नगर में आचार्य श्री विद्यासागर जी के शिष्य ऐलक निशंक सागर जी के सानिध्य में प्रवीण जैन की आध्यात्मिक कृतियों की प्रदर्शनी तूलिका एवं रंग, जैनत्व के संग का भव्य शुभारंभ हुआ। प्रदर्शनी 7 सितम्बर, रविवार तक खुली रही, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने प्रवीण के चित्रों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। आचार्य श्री विद्यासागर जी का पोर्टेट डबल डक, पशुओं का आंदोलन, वास्तविक जैन (ऊँ) ओम, माँ जिनवाणी का प्रतीकात्मक चित्र आदि लोगों ने बेहद सराहा।
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मूलत: सुल्तानगंज (रायसेन) निवासी प्रवीण जैन सी. एस. इंटर के छात्र हैं तथा आगे भी चित्रों के माध्यम से जैनधर्म का प्रचार करना चाहते हैं। प्रदर्शनी में कुल 33 चित्र रखे गये थे, जो प्रवीण ने कड़ी और सतन मेहनत करके बनाये हैं। वे अपना प्रेरणा स्रोत आचार्य विद्यासागर जी एवं मुनि प्रमाण सागर जी को मानते हैं। ऐसे युवाओं को जैन समाज को आगे बढ़ाना चाहिए।
सफल नागोरी, इन्दौर
जैन पुरातत्व के विध्वंस की कहानी के प्रकरण में न्यायाधीश ने दादाबाड़ी पुलिस को मामले की जांच के आदेश दे दिये
संभावित अभियुक्तों में हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के तीन रिटायर जज एवं राजस्थान में तैनात एक आई.ए.एस. अफसर भी !
कोटा 18 सितम्बर। अपर मुख्य न्यायित मजिस्ट्रेट क्रम -2 कोटा ने जैन पुरातत्व के विध्वंस की कहानी के मामले में दादाबाड़ी पुलिस को प्रकरण प्रेषित कर मामले की जांच के आदेश दिये हैं।
चूंकि यह फौजदारी प्रकरण है और इसमें अभियुक्त नं.3 जैन संस्कृति रक्षा मंच जयपुर के समस्त पदाधिकारीगण शामिल हैं और इन पदाधिकारियों में हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के 3 रिटायर्ड जजों समेत कई हस्तियाँ भी हैं, जो अब जांच के घेरे में आएंगे इन महत्वपूर्ण लोगों में तो एक आई.ए.एस. अफसर भी है, जो राजस्थान में तैनात है।
जानकारी के अनुसार यह प्रकरण अतिशय क्षेत्र चांदखेड़ी खानपुर के निर्माण मंत्री राजेन्द्र हरसोरा व नई धानमंडी निवासी अतुल गोधा ने जैन पुरातत्व के विध्वंस की कहानी के सम्पादक मिलापचंद जैन, प्रकाशक णमोकार जैन, जैन संस्कृति मंच के समस्त पदाधिकारियों व मालिक मुद्रक श्री प्रिंटर्स जयपुर के खिलाफ भारतीय दंड सहिता की धारा 153 ए, बी, 295 ए 499, 500
•अक्टूबर 2003 जिनभाषित 29
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