Book Title: Jinabhashita 2003 10
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 34
________________ पंचकल्याणक गुरुवर आचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज सकल दिगम्बर जैन समाज खुरई ने पंचकल्याणक ससंघ के पावन सान्निध्य में होने की पूर्ण संभावना है। महामहोत्सव करने का निर्णय किया है, जिसके लिये प्रारंभिक हीराचन्द जैन कार्यवाही शुरु हो गई है। नगर में विराजित परम पूज्य १०८ सहप्रचार प्रसार संयोजक मुनिद्वय का आशीर्वाद प्राप्त कर नगर का एक प्रतिनिधि मंडल ज्ञानोदय नगर, नारेली, अजमेर - 305024 परम पूज्य १०८ आचार्य श्री विद्यासागर जी के पास अमरकंटक पावन वर्षायोग गया एवं आशीर्वाद प्राप्त कर आचार्य श्री से निवेदन किया है कि श्रमण संस्कृति के उन्नायक युग दृष्टा परम पूज्य आचार्य पंचकल्याणक महामहोत्सव परमपूज्य गुरुवर आचार्य श्री एवं उनके श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री ससंघ सानिध्य में आयोजित हो। गुरु कृपा की प्रतीक्षा है। १०८ प्रशान्तसागर जी एवं १०८ मुनिश्री निर्वेगसागर जी का वर्षायोग चौधरी ज्ञानचन्द जैन खुरई नगर में चल रहा है, जिससे धर्म की पावन वर्षा निरन्तर हो महामंत्री, खुरई रही है। एक लम्बे अन्तराल के बाद गुरु की कृपादृष्टि से मुनि संघ एक सी.डी. तैयार का चातुर्मास प्राप्त होने से सर्वत्र प्रसन्नता है। मुनिसंघ श्री आदिनाथ हमारे तीर्थंकर भगवन्तों ने दिव्य ध्वनि के माध्यम से भव्य प्राचीन दि. जैन मंदिर जी में विराजमान है। जीवों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया था। इसके बाद गणधरों इस वर्षायोग में नित प्रतिदिन धार्मिक शिक्षण, प्रवचन तो और आचार्यों ने परम्परा से उसे जीवन्त रखा। जब श्रुत परम्परा हुआ ही। समाज के युवा वर्ग में भगवान की पूजन, अभिषेक के क्षीण होती दिखी तो ताड़पत्रों पर और फिर कागजों पर शास्त्रों का प्रति विशेष रूचि बढ़ी, जिससे अनेक नवयुवक प्रतिदिन अभिषेक, लेखन हुआ। आज कम्प्यूटर और इन्टरनेट का जमाना है अत: पूजन करने लगे। परम पूज्य १०८ मुनिद्वय के परम आशीर्वाद से आवश्यकता थी एक ऐसी योजना की जिसमें सभी आचार्यों और जैन धर्म की शिक्षा हेतु एक जैन पाठशाला का शुभारंभ हुआ मुनिराजों के समय-समय पर दिये गये महत्त्वपूर्ण प्रवचनों को जिसमें लगभग ३०० बालक, बालिकायें धार्मिक शिक्षण प्राप्त कर संकलित कर उन्हें उत्तम गुणवत्ता वाली सी.डी. आडियो-वीडियो रहे हैं। पाठशाला में १५ शिक्षित बहिनें निस्वार्थ सेवायें प्रदान कर कैसेट में रिकार्ड रखा जा सके, ताकि वे अधिक समय तक रही है। इनकी सेवा भावना से पाठशाला सुचारू रूप से चल रही सुरक्षित रहें। इस श्रम साध्य और मंहगे कार्य का बीड़ा उठाया है है। दशलक्षण महापर्व के अवसर पर नगर में प्रथम बार 'श्रावक भी दिगम्बर जैन पंचबालयति मंदिर इंदौर से जुड़े ब्र. अजित भैया संस्कार शिविर' का आयोजन पूज्य मुनिद्वय के आशीर्वाद से किया | ने। उन्होंने अब तक लगभग तीन हजार घंटे की सी.डी. तैयार की गया, जिसमें ५३ शिविरार्थियों ने भाग लेकर संयम को अंगीकार | है। इसमें आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज, आचार्य वर्धमान करने का प्रयोग किया। एक नया अनुभव प्राप्त हुआ जो संस्कारित सागर जी महाराज, मुनिश्री क्षमा सागर जी महाराज, मुन पुंगव श्री जीवन के लिये नींव का पत्थर साबित होगा। सुधासागर जी महाराज आदि के प्रवचनों की सी.डी. तैयार हो दशलक्षण महापर्व पर अत्यधिक रोचक धार्मिक, शिक्षाप्रद चुकी हैं। विशेषता यह है कि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने कार्यक्रमों का आयोजन नवीन स्थापित पाठशाला के छात्राओं एवं अपने शिष्यों को समयसार, परमात्म प्रकाश, कार्तिकेयानुप्रेक्षा, नवयुवकों द्वारा किया गया, अत्यंत सुन्दर जीवन्त झाकियों का भी रत्नकरण्डक श्रावकाचार, न्यायदीपिका आदि महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों प्रदर्शन हुआ। प्रातः एवं दोपहर परमपूज्य मुनिद्वय के मंगलमय का अध्ययन कराया, उन ग्रंथों की सी.डी. आचार्य श्री की वाणी प्रवचन हुये। दशलक्षण महापर्व के समापन पर विमानोत्सव का | में ही तैयार हो चुकी है। एम.पी. थ्री-१० से २२ घंटे तक की आयोजन किया गया, जिसमें समस्त जैन समाज ने अति उल्लास के | सी.डी. को तीन स्तरों में रखा है। उत्कृष्ट 150 रु. मध्यम 100 रु. साथ भाग लिया। रात्री में विराट कवि सम्मेलन भी हुआ। हल्के स्तर की प्रत्येक सी.डी. 75 रु. की और वीडियो 21 तथा १० अक्टूबर को शरदपूर्णिमा के अवसर पर परम पूज्य 31 एवं 51 रु. में प्राप्त है। एक एलबम 24 सी.डी. का है ऐसे 11 गुरुवर आचार्य का जन्म दिवस एवं पूज्य मुनिद्वय का दीक्षा दिवस एलबमों में 3000 घंटों की वाणी है। हमारे आचार्य उपाध्याय, मनाया गया एवं पूज्य मुनिद्वय को शास्त्र भेंट किये गये। मुनिराज तो सभी जगह नहीं पहुँच पाते। ऐसी स्थिति में जैनमंदिरों नगर से ४ किलोमीटर दूर स्थित दयोदय जीवरक्षा संरक्षण के अध्यक्ष, मंत्री, विभिन्न सामाजिक संस्थायें महिला-मंडल एवं संस्थान (गौशाला) में भारत सरकार के सहयोग से निर्मित नवीन सभी धर्मप्रेमी बन्धु इन सी.डी. आदि के माध्यम से घर में, मंदिरों पशु संरक्षण गृह एवं पशु चिकित्सालय भवन का लोकार्पण परमपूज्य | में निशित समय में निश्चित समय तय कर प्रवचनों का लाभ ले सकते हैं। इस १०८ मुनिद्वय के परम सानिध्य में हुआ, जिसमें जैन एवं जेनेतर विषय में निम्न पते पर सम्पर्क किया जा सकता हैसमाज ने भारी संख्या में उपस्थित होकर जीव दया के प्रति अपनी 'ब्र. अजित भैय्या, श्री दि. जैन पंच बालयति मंदिर, सत्यम् निष्ठा एवं प्रतिवद्धता प्रदर्शित की एवं उदारता का परिचय देते हुये | गैस के सामने, इंदौर (म.प्र.) फोन : ०७३१-२५७१८५१, राशियाँ एवं भूषा प्रदान किया। | २५७०६८९ फैक्स ०७३१-२५७०६८७ मो. ९८२७२ ४२४५३ 32 अक्टूबर 2003 जिनभाषित - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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