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दिनांक २५ व २८ अप्रैल को उपर्युक्त महानुभावों ने विज्ञाननगर कोटा में विराजित मुनि १०८ श्री क्षमासागर जी एवं भव्यसागर जी महाराज ससंघ को अजमेर चातुर्मास हेतु निवेदन किया व श्रीफल समर्पित किये। आचार्य श्री अभी बड़े बाबा मन्दिर के जीर्णोद्धार में तथा ग्रीष्मकालीन वाचना में कुण्डलपुर विराज रहे हैं। आचार्यश्री से आग्रहपूर्वक निवेदन किया कि अगर आपका आगमन चातुर्मास हेतु अभी संभव न हो तो अपने सुशिष्य मुनि १०८ श्री क्षमासागरजी महाराज को अजमेर चातुर्मास हेतु निर्देश प्रदान करने की अनुकम्पा करें
हीराचन्द जैन प्रचार प्रसार संयोजक ३ च १८ कंचन सदन, वैशाली नगर, अजमेर वर्णी जी की धर्मस्थली शाहपुर में प्राकृत भाषा प्रशिक्षण सम्पन्न
बुन्देलखण्ड के आध्यात्मिक सत्पुरुष, ज्ञान के प्रचारक परम श्रद्धेय क्षु. १०५ गणेश प्रसाद जी वर्णी की धार्मिक-साधना स्थली शाहपुर गणेशगंज (सागर) में अनेकान्त ज्ञान मंदिर शोध संस्थान, बीना द्वारा २२ अप्रैल से ३० अप्रैल तक ऐतिहासिक प्राकृत भाषा एवं ध्यान शिविर का अनूठा आयोजन ब्र. संदीप जी 'सरल' के पावन निर्देशन में मधुर स्मृतियों के साथ सम्पन्न हुआ ।
अनेकान्त वर्णी वाचनालय की स्थापना
१ मई ०३ को शिविर समापन के अवसर पर अनेकान्त ज्ञान मंदिर शोध संस्थान, बीना की १७ वीं शाखा अनेकान्त वर्णी वाचनालय की शाहपुर, में स्थापना की गई। श्रद्धेय वर्णी जी की धर्मस्थली में स्थापित यह वाचनालय न सिर्फ वर्णी जी की पुण्यस्मृतियों की याद दिलाता रहेगा, अपितु आबाल-वृद्ध, नर नारियों में ज्ञान के प्रति जन चेतना जागृत करेगा । वाचनालय में चारों अनुयोगों के ग्रन्थों के साथ-साथ बालोपयोगी कथा साहित्य एवं धार्मिक पत्र-पत्रिकाओं का भी समायोजन किया गया है। वाचनालय में समस्त ग्रन्थों का वर्गीकरण किया जा चुका है।
अनेकान्त वर्णी वाचनालय के विधिवत् संचालन के लिए स्थानीय समाज के उत्साही लोगों की संचालन समिति बनाकर कार्यभार सौंपा गया। समस्त समाज के बन्धुओं ने वाचनालय स्थापना के अवसर पर माँ जिनवाणी की स्थापना करते हुए आरती सम्पन्न की।
पारस जैन
शिवपुरी संग्रहालय
शिवपुरी जिला संग्रहालय की स्थापना १९६२ में हुई। संग्रहालय में वर्तमान में लगभग ६५० मूर्तियाँ हैं, जिसमें ४०० से अधिक जैन मूर्तियाँ ९ वीं से १८ वीं शताब्दी की हैं। ६०० सिक्के ब्रिटिश, मुस्लिम शासन काल के हैं, २४ पेन्टिंग लघु चित्र एवं ९
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पोट्री हैं।
क्षेत्रीय विधायिका श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया के विशेष प्रवासों से संग्रहालय का विस्तार कर विकास किया जा रहा है। संग्रहालयाध्यक्ष डॉ. चैतन्य सक्सेना एवं वरिष्ठ मार्गदर्शक जी. पी. सिंह चौहान से मिली जानकारी के अनुसार ११ सितम्बर २००२ को अधीक्षण पुराविद् श्री ओटा सा. के साथ दिल्ली, ग्वालियर, हैदराबाद एवं सी. पी. डब्लू डी की एक टीम सर्वेक्षण हेतु आई थी। जो विस्तृत सर्वेक्षण करके गई है। यह राज्य स्तरीय संग्रहालय अब केन्द्र की सहायता से अपने आप में देश का अनूठा संग्रहालय होगा। वर्तमान में शिवपुरी-गुना दोनों जिलों का कार्यक्षेत्र शिवपुरी जिला संग्रहालय है, इसलिये संग्रहालय में टेलीफोन, कम्प्यूटर एवं जीप अति आवश्यक है। इन सुविधाओं से दोनों जिलों में बिखरी हुई पुरातात्त्विक संपदा के अभिलेख रख-रखाव एवं विकास में प्रगति अधिक संभव है।
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ संरक्षिणी महासभा के पुरातत्त्व संपर्क अधिकारी श्री सुरेश जैन मारौरा ने अपनी टीम के साथ एक सर्वेक्षण किया। जिसमें बताया कि विकास खण्ड पोहरी के अंतर्गत पिपरधार, घटाई, वेरजा, पवाराई, ईदार एवं विकास खण्ड पिछोर के अन्तर्गत देवगढ़, मोती, करारखेड़ा, कमलेश्वर, खुरई महादेव, मनपुरा, मायापुर, गोचोनी, जराय ढला आदि ग्रामों में अपार सम्पदा बिखरी पढ़ी है । इसके लिये महासभा का निर्देशन प्राप्तकर संग्रहालय अध्यक्ष को अवगत कराया जायेगा । सुरेश जैन पारीरा, शिवपुरी (म.प्र.) ज्ञान-विद्या जैन शोध पीठ
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा
अहिंसा, अनेकांत और अपरिग्रह की संस्कृति ने समूची मानवता को प्रेरित प्रभावित, विकास के सोपान सौंपे हैं। यह प्रक्रिया सतत समूची दुनिया को प्रकाशवान् बनाये रखे, इस हेतु अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा ने जैन समाज के आग्रह पर ज्ञान विद्या जैन शोध पीठ स्थापना की सैद्धान्तिक स्वीकृति दी है । व्यवहारिक रूप से इसे शुरु करने हेतु सम्पूर्ण जैन समाज से रुपये ३० लाख के अनुदान की माँग भी की है। यह प्रक्रिया पूरी होने पर म.प्र. शासन भोपाल एवं यू.जी.सी. नई दिल्ली से भी इतनी ही राशि का अनुदान मिलने की संभावना रहेगी।
आप इस संस्कृति के विद्वान्/उदारमना व्यक्तित्व हैं। कृपया इस शुभ आयोजन में अपनी सक्रिय भूमिका अदा कर इसे मंजिल तक पहुँचाने में मदद करें। हम इस दिशा में आपके महत् सहयोग / मार्गदर्शन का स्वागत करेंगे।
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डॉ. बारेलाल जैन संयोजक ज्ञान-विद्या जैन शोध पीठ हिन्दी विभाग अ.प्र.सिं.वि.वि., रीवा
जून 2003 जिनभाषित 29
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