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समाचार
देश के 224 मेधावी जैन छात्रों का सम्मान
श्रीमती विमला जैन, एच. जे. एस. जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिवपुरी नगर में चातुर्मास कर रहे पूज्य मुनि श्री क्षमासागर जी एवं मुनि श्री भव्य सागर जी की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से उनके सान्निध्य में 28 अक्टूबर 2001 को देश के 14 राज्यों के 224 मेधावी जैन छात्र/छात्राओं का सम्मान किया गया। मैत्री समूह द्वारा आयोजित इस समारोह की भव्यता एवं गरिमा अत्यधिक मनोरम, अपनत्वपूर्ण, आकर्षक एवं प्रभावी थी। समारोह की मुख्य अतिथि आई.आई.टी. दिल्ली में अंग्रेजी की प्रोफेसर डॉ. श्रीमती सुनीता जैन थीं। डॉ. जैन 45 से अधिक हिन्दी तथा अँग्रेजी भाषा की पुस्तकों की विश्वप्रसिद्ध लेखिका हैं। समारोह के संयोजक श्री सुरेश जैन आई.ए.एस. भोपाल थे।
मैत्री समूह तथा जैन समाज शिवपुरी द्वारा आयोजित इस प्रतिभा सम्मान समारोह में देश भर के 75 प्रतिशत से 94 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले 224 मेधावी जैन विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। देश में इस तरह का यह पहला और अनूठा कार्यक्रम था। इस सूची में 6 मेधावी विद्यार्थी ऐसे थे जिन्होंने एक-एक विषय में सौ में से सौ अंक हासिल किए। श्री संदीप पी. बैंगलोर ने गणित में अंकित नरेन्द्र कुमार जैन टीकमगढ़, कु. स्पूर्ति एन. बैंगलोर ने
भौतिक शास्त्र में, श्री दीपक कुमार जैन आगरा ने बॉयोलॉजी में, श्री हेमंत चन्द्रकांतिभाई कोटाडिया, अहमदाबाद एवं कु. बीजल उत्तमभाई शाह, अमहदाबाद ने व्यापारिक गणित में शत प्रतिशत अंक प्राप्त किये हैं।
भगवान महावीर की 2600वीं जन्म जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित देश के मेधावी जैन छात्र-छात्राओं के भाव भीने सम्मान का मुख्य आयोजन तात्याटोपे प्रांगण में सम्पन्न किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में देश के सुप्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाज सेवी श्री पन्नालाल बैनाड़ा आगरा, इतिहासविद डॉ. सुधा मलैया भोपाल, 'ए.बी.सी. ऑफ जैनिज्म' के लेखक एवं पूर्व मुख्य अभियंता श्री एस. एल. जैन, भोपाल तथा देश के सुप्रिसद्ध वैज्ञानिक
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डॉ. अनिल कुमार जैन, अहमदाबाद उपस्थित थे। इस प्रसंग पर पूज्य मुनिद्वय के सान्निध्य में सम्मानित मेधावी जैन विद्यार्थियों एवं अतिथियों की भव्य मंगल यात्रा तात्याटोपे प्रांगण से महावीर जिनालय, महल कॉलोनी तक निकाली गई। महावीर जिनालय में मुनि श्री क्षमासागर जी एवं मुनि श्री भव्यसागर जी के साथ छात्रों ने विश्व के कल्याण के लिए राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत प्रार्थना की।
सम्मानित होने वाले मेधावी विद्यार्थियों में से देशभर में सर्वोच्च तीन स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को विशिष्ट रूप से णमोकार मंत्र युक्त रजत पट्टिका से सम्मानित किया गया। इनमें नागपुर (महाराष्ट्र) के श्री योगेन्द्र कुमार जैन ने 93.7 प्रतिशत अंक पाकर प्रथम चोंदखेड़ा गाँधीनगर (गुजरात) की कु. हेमल जैन ने 93.4 प्रतिशत अंक पाकर द्वितीय तथा कु. नवीसा जैन, सिकन्दराबाद ने 93.3 प्रतिशत अंक पाकर तृतीय स्थान प्राप्त करने का गौरव हासिल किया। प्रत्येक राज्य से प्राप्त होने वाली 224 प्रविष्टियों में आन्ध्रप्रदेश से 6, बिहार से 1 छत्तीसगढ़ से 12 देहली से 4 गुजरात से 21, हरियाणा से 3, कर्नाटक से 8, मध्यप्रदेश से 116, महाराष्ट्र से 11 पंजाब से 1. राजस्थान से 25, तमिलनाडु से उत्तरप्रदेश से 14 एवं पश्चिम बंगाल से 1 प्रविष्टियाँ सम्मिलित हैं। इन सभी विद्यार्थियों को आमंत्रित करने के लिये मैत्री समूह द्वारा अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में पत्र प्रेषित किये गये थे। उनसे निर्धारित जानकारी एवं छायाचित्र
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जैन युवा प्रतिभा सम्मान समारोह? संकलित किए गए। सभी
छात्रों की संक्षिप्त जानकारी एवं चित्र परिपत्र में प्रकाशित किये गये। इस कार्यक्रम के लिये आधुनिक ढंग से मंच
निर्मित किया गया। छात्रों के स्वागत, आवास, भोजन, सभागार में आसन, बैठकर एवं सम्मान के लिए उत्कृष्टतम स्तर की वैज्ञानिक ढंग से आकर्षक व्यवस्था की गई। मैत्री समूह एवं शिवपुरी जैन समाज द्वारा गठित स्वागत समितियों के सदस्य शुद्ध एवं धवल गणवेश में उनके सहयोग के लिए सदैव उपस्थित रहें।
इन सभी छात्रों में ऐसे अनेक छात्र हैं जिन्होंने छोटे-छोटे ग्रामीण स्थानों पर अध्ययन कर मेरिट में स्थान प्राप्त किया है। सम्मानित छात्रों में से 95 छात्र डॉक्टर और 105 छात्र इंजीनियर बन रहे हैं। शेष छात्र अन्य विषयों में अध्ययन कर रहे हैं। इन छात्रों को सम्मान स्वरूप स्वर्ण पदक, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, शाश्वत जीवन मूल्यों की स्थापना हेतु पुस्तकें एवं उच्च अध्ययन हेतु रुपये 2 लाख की
नवम्बर 2001 जिनभाषित
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