Book Title: Jinabhashita 2001 04
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 28
________________ के युवाओं ने शानदार म्युजिकल फाउन्टेन लगाया था। पंडाल के चारों ओर गजरथ फेरी के लिये मजबूत सड़क बनाई गई थी। आयोजन में शामिल होने दुनिया के सबसे बड़े मार्बल व्यापारी अशोक पाटनी १६ फरवरी को ही परिवार सहित कुंडलपुर पहुंच गये थे। आयोजन समिति के संयोजक, देश के जाने-माने उद्योगपति मदनलाल जी बैनाड़ा अपने पांचों भाइयों के परिवार सहित सप्ताह भर पहले से आ गये थे। जयपुर के गणेश जी राना, मुंबई के प्रभात जैन, अमेरिका के महेन्द्र पंडवा ने सपरिवार अपना डेरा जमा लिया था। २१ फरवरी को केन्द्रीय कपड़ा राज्यमंत्री वी. धनंजय कुमार कुंडलपुर आये, उनके साथ दमोह के सांसद रामकृष्ण कुसमरिया, सागर के सांसद वीरेन्द्र कुमार, भाजपा विधायक जयंत मलैया, नरेश जैन, श्रीमती सुधा जैन भी थे। मध्यप्रदेश सरकार की ओर से राज्यमंत्री राजा पटेरिया ने केन्द्रीय मंत्री का स्वागत किया तथा आयोजन समिति की ओर से संयोजक मदनलाल बैनाड़ा, उपाध्यक्ष हृदय मोहन जैन ने उनकी आगवानी की। केन्द्रीय मंत्री ने आचार्य श्री से कन्नड़ भाषा में बात की तथा लगभग तीन किलोमीटर आचार्य श्री के साथ शोभा यात्रा में नंगे पैर चले। महोत्सव शुभारंभ के अवसर पर वी. धनंजय कुमार कुंडपुर में प्रस्तावित बड़े बाबा के मंदिर का खुला समर्थन करते हुए कहा कि कोई भी सरकार समाज से बड़ी नहीं होती, यदि समाज ने बड़े बाबा का मंदिर बनाने का फैसला कर ही लिया है तो अब इसे कोई ताकत रोक नहीं सकती। उन्होंने इस मंदिर के लिये भारत सरकार की ओर से शीघ्र अनुमति दिलाने का भरोसा दिलाया। भाजपा सांसद तथा विधायकों ने भी मंदिर को अपना समर्थन दिया तथा आचार्य श्री से आशीर्वाद लिया। २२ फरवरी को राज्यमंत्री राजा पटेरिया ने कुंडलपुर पहुंचकर जैन समाज के अल्पसंख्यक का दर्जा देने का माहौल बनाया, उन्होने कहा कि यदि जैन समाज एकता के साथ यह मांग करती है तो राज्य सरकार इसे पूरा करने को तैयार है। २२ फरवरी को दोपहर में देशभर से आये १३० युवा संगठनों का सम्मेलन पूज्य मुनिश्री समयसागर जी, 26 अप्रैल 2001 जिनभाषित Jain Education International योग सागर जी, क्षमासागर जी, समता सागर जी, प्रमाण सागर जी, अभय सागर जी आदि के सानिध्य में हुआ। इस सम्मेलन में युवा पत्रकार रवीन्द्र जैन ने शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर की सुरक्षा का प्रस्ताव रखा जिसे एक स्वर में पारित किया गया। भोपाल के युवा कवि चंद्रसेन जैन ने भारत से मांस निर्वात का विरोध करने का प्रस्ताव रखा, इसे भी स्वीकार किया गया। मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज ने सम्मेद शिखर की घटनाओं की जानकारी देते हुये युवा संगठनों से वहां पारसनाथ टोंक बचाने का आव्हान किया। मुनिश्री समता सागर जी ने मांस निर्यात के विरोध में माहौल बनाने के लिये युवाओं को संकल्प दिलाया। अन्य मुनियों शक्ति को रचनात्मक कार्यों में लगने ने भी युवा शक्ति को रचनात्मक कार्यों में लगने का आव्हान किया। भोपाल के अमर जैन ने इस सम्मेलन की तैयारी की थी जबकि अशोक नगर के विजय जैन धुर्रा ने युवा संगठनों को एक मंच पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। २२ फरवरी को ही कुंडलपुर के पहाड़ पर बने बड़े बाबा के मंदिर में बड़े बाबा का प्रथम महामस्तकाभिषेक भी शुरू हुआ। परमपूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज तथा ५१ मुनिराजों की उपस्थिति में जयपुर के गनेश जी राजा ने स्वर्ण कलश से जैसे ही बड़े बाबा के मस्तक से जलधारा छोड़ी, पूरा कुंडलपुर कस्बा जयकारों के नारों से गूंज उठा। ११४ आर्यिका माता जी मंदिर के मुख्य द्वार पर लगे कांच से यह दृश्य देख रहीं थीं। आचार्य श्री ने मूर्ति के नीचे हाथ फैलाकर गंधोदक हाथ में लेकर अपने मस्तक पर लगाया तो वहां उपस्थित लोग भावुक हो गये, कई मुनियों ने आचार्य श्री से विनय की कि अपने हाथ से गंधोदक लेकर हमें दें ताकि हम इस क्षण को सदैव याद कर सकें। आचार्य श्री ने पुनः अपना हाथ बड़े बाबा की प्रतिमा के नीचे लगाया तथा अंजुलि में गंधोदक लेकर मुनियों को दिया। इन आलौकिक क्षणों को इस छोटे से गर्भगृह मैं मैं ( रवीन्द्र जैन) एकमात्र कैमरामेन था जो अपने वीडियो कैमरे में कैद कर रहा था तथा इस स्थान पर अपनी उपस्थिति से गौरवान्वित हो रहा था। दोपहर एक बजे तक महामस्तकाभिषेक चला। भोपाल के टी.टी. नगर मंदिर के युवा कार्यकर्ताओं ने अमर जैन के नेतृत्व में महामस्तकाभिषेक की For Private & Personal Use Only व्यवस्थाएँ सम्हाली थीं। इसके अलावा इंदौर के संजय जैन मैक्स भी बड़े बाबा मंदिर की व्यवस्थाओं को संचालित कर रहे थे। उम्मेदमल जी पंडया अभिषेककर्ताओं को सुविधाएँ देने का २३ फरवरी को प्रातः बड़े बाबा का महामस्तकाभिषेक पहाड़ पर शुरू हुआ और नीचे आयोजन स्थल पर देश भर से आये ८२ विद्वानों ने अपना सम्मेलन शुरू कर दिया। अखिल भारतीय विद्वत परिषद् के बैनर तले हुए इस सम्मेलन में सभी ने एक स्वर से कुंडलपुर में निर्माणाधीन बड़े बाबा के मंदिर का जोरदार शब्दों में समर्थन किया। विद्वानों की स्पष्ट राय थी कि समाज के सर्वोच्च संत आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के सानिध्य में कोई गलत कार्य हो ही नहीं सकता। उन्होने इस मंदिर का विरोध करने वालों से कहा कि वे समाज को रचनात्मक दिशा देने आगे आयें तथा - पूरी योजना को गौर से समझें। विद्वत् परिषद् ने जैन तीथों के जीर्णोद्धार के बारे में इंडिया टुडे द्वारा छापे गये समाचारों की निंदा की तथा कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा जैन आमनाओं के विरुद्ध छपवाये जा रहे संमाचारों का तत्काल प्रतिवाद जारी करने का निर्णय लिया। २३ फरवरी तक कुंडलपुर में २ लाख से अधिक लोग पहुंच चुके थे। एक लाख की क्षमता वाले पंडाल में बैठने की जगह नहीं होती थी। लोग बाहर से आचार्य श्री के प्रवचन सुनते थे। २३ फरवरी को प्रदेश के उद्योग मंत्री नरेन्द्र नाहटा तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विक्रम वर्मा कुंडलपुर पहुंचे। श्री वर्मा के साथ भाजपा विधायक गोपाल भार्गव, जयंत मलैया, सांसद रामकृष्ण कुसमरिया, भाजपा नेता श्रीमती सुधा मलेवा भी पहुंचीं जबकि श्री नाहटा के साथ इंका नेता अजय टंडन, अशोक जैन भाभा, देवेन्द्र सेठ थे। दोपहर की सभा में आयोजन समिति के उपाध्यक्ष हृदयमोहन जैन ने आचार्य श्री से अनुमति लेकर प्रस्ताव रख दिया कि- " यहां उपस्थित लाखों जैन समाज के अनुयायी प्रदेश सरकार से जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग करते हैं तथा मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने विधानसभा में जैनियों को अल्पसंख् www.jainelibrary.org

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