Book Title: Jina Shashan Ke Samarth Unnayak
Author(s): Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

View full book text
Previous | Next

Page 47
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४१ आचार्य श्री पद्मसागरसूरि __सन् १९९८ में आपने कोबा, गांधीनगर में चातुर्मास करके पिछले ५ वर्षों की श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र की प्रतीक्षा पूरी की. आपकी उपस्थिति, निश्रा एवं मार्गदर्शन से श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र ने पुनः एक नई दिशा की ओर प्रस्थान किया एवं परिसर में अनेक नये कार्य सम्पन्न हुए. चातुर्मास के पश्चात आपकी निश्रा में चार-चार बालमुमुक्षुओं की भागवती दीक्षा बड़े भव्य समारोह के साथ सम्पन्न हुई. इसी वर्ष अहमदाबाद में आपकी ही निश्रा में जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक युवक महासंघ, जैन डॉक्टर्स फेडरेशन एवं जैन चार्टर्ड एकाउन्टन्ट विंग की स्थापना हुई. फल स्वरूप सन् १९९९ में चैत्र सुदी १३ के श्री महावीरस्वामी जन्म कल्याणक के अवसर पर अहमदाबाद में प्रथम बार एक लाख से अधिक जैन समुदाय के व्यक्तियोंने साथ मिलकर भाग लिया. आज संगठन की यह प्रवृत्ति बहुत फली फूली है व पूरे भारत के जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघों को अपनी विशिष्ट सेवाएँ प्रदान कर रही . सन् २००० में आचार्यश्री का पुनः दक्षिण की ओर जाना तय हुआ. गोवा प्रदेश के इतिहास में सैकडो वर्षों बाद मड़गाँव में आपकी कृपामयी निश्रा में जिनालय की भव्य अंजनशलाका-प्रतिष्ठा बड़े पैमाने पर सम्पन्न जिनशासन की प्रभावना के एक से बढ़कर एक कार्य जो आपके पुनीत जीवन में हुए हैं और हो रहे हैं, उन सब की उपमा नहीं हो सकती. वे इस कलिकाल में बेजोड़ ही कहलाऐंगे. ईसवी सन् २००० के चातुर्मास का लाभ मुम्बई को मिले इसी भावना से मुम्बई के अनेक जैन संघों की आग्रहपूर्ण विनतियों को ध्यान में रखते हुए पूज्यश्री ने भायखला जैन संघ में चातुर्मास किया. यहाँ पर भी आपकी प्रेरणा से अनेक महत्वपूर्ण शासन प्रभावना के कार्य सम्पन्न हुए. योगनिष्ठ आचार्य श्रीमद् बुद्धिसागरसूरि महोत्सवत्रयी का भव्य आयोजन चिर स्मरणीय रहेगा. For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68