Book Title: Jina Shashan Ke Samarth Unnayak
Author(s): Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 51
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra आचार्य श्री पद्मसागरसूरि २५ नृसिंहसूर समुद्रसूरि २६ मानदेवसूरि (द्वितीय) २७ २८ विबुधप्रभसूरि २९ जयानन्द सूरि ३० रविप्रभसूरि ३१ यशोदेवसूरि ३२ प्रद्युम्नसूर ३३ मानदेवसूरि (तृतीय) ३४ विमलचन्द्रसूरि ३५ उद्योतनसूरि ३६ सर्वदेवसूरि (प्रथम) ३७ देवसूरि ३८ सर्वदेवसूरि (द्वितीय) ३९ यशोभद्रसूरि और नेमिचन्द्रसूरि ४० मुनिचन्द्रसूरि ४१ अजितदेवसूरि ४२ विजयसिंहसूरि ४३ सोमप्रभसूरि (प्रथम) ४४ www.kobatirth.org तपस्वी हीरला श्री जगच्चन्द्रसूरि ४५ देवेन्द्रसूरि ४६ धर्मघोषसूरि ४७ सोमप्रभसूरि (द्वितीय) ४८ सोमतिलकसूरि ४९ देवसुन्दरसूरि ५० सोमसुन्दरसूरि ५१ मुनिसुन्दरसूरि ५२ रत्नशेखरसूरि ५३ लक्ष्मीसागरसूरि Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private And Personal Use Only वनवासीगच्छ " "" " " " वडगच्छ (८४गच्छ निकले) वडगच्छ तपागच्छ " "1 ४५

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