Book Title: Jayanti Charitram
Author(s): Malayprabhsuri, Vijayakumudsuri
Publisher: Manivijay Ganivar Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ ली० अशुद्ध ___ ली० सुखद सुखद भरियाए अशुद्ध सव्वं अद दिसी निवन्ना चारित शुद्धात्मा सरियाए सिच्य सरिच्छय शुद्ध सम्वे अह दिसि निविना चारित्त शुद्धात्म पचू। सिच सरिच्छ #HASHARORATION किन्तु किन्नु चिन्ति लिहि जोतारो राय म उल्लासा चिन्ति लहि जो तारो रायम उल्लापा महेसो समुप्पन्न रमणी हि दाणदच्छं सिद्धि समुप्पन्न रमणीहि दाणदिक्खं सिद्धी

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 338