Book Title: Jayanti Charitram
Author(s): Malayprabhsuri, Vijayakumudsuri
Publisher: Manivijay Ganivar Granthmala
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________________ बयन्तीप्रकरणवृतिः / // 4 // ॐARESHESAGAR ठाणट्ठाणपरूढप्पसत्थवणराइसोहिल्लो // 3 // जत्थ कलिकालदंसा कत्थवि नगराइएसु नवि हुंति / निच्चं तिकालदेवयपूयाषण जयन्तीधृवधूमेहिं // 4 // जत्थ य सरोवरेसु सरोरुहाणं विसप्पिरपराया / अवरोप्परखेलणखित्तगंधमुट्टि व रेहति // 5 // जो सइ धन- चरित्रे महासईसीयारामाभिरामगुणगरुओ। रामायण व किं पुण ? न बिभीसणुसत्तुसम्माणो // 6 // खीरोयसरिसगोउलसएसु दिसि- 18वच्छदेशदिसिसरंतपहियाणं / पंथजरा अवणिजइ जत्थ य पीयूसपाणेण // 7 // घणकुसुमगुच्छकोमललयाण अवलोयणेण उम्माहो। कोशाम्बीपहियाण पिययमासु वम्महसरसल्लियंगाणं // 8 // अलिकुलकोमलकुंतलकलावअइललियवलितरंगाओ। वियसियमुहारविंदा नगरीसरसीओ तरुणीसरसीओ॥९॥ दुभिक्खडमरचोरारिमारिदुदृवणाण सव्वाण / अविणिज्जियमाहप्पो पभंजणो कोइ जो दिव्वो वर्णनम् / // 10 // कोसंबी तत्थ पुरी सुविमत्तचउक्कचच्चराइमा / अवरावरदेसंतरनेगमववहारसंकिन्ना // 11 / / फुल्लंघयाण जीए वणेसु भमिराण महुरझंकारो / पइदिसमुक्तिलच्छीमणिनूउररणझणारावो // 12 // सविमाणसूरससिणो वीरं तिपयाहिणीं करेमाणा। जीइ वणलच्छिमणिमयकुंडललील विडंबिंसु // 13 // जीए य नीलमणिमयपासायपरम्पराहिं रम्माए / सियपायारो रेहइ सेसो | इव कण्हसुत्तीए // 14 // जीए सियपायारो परिहाजलपूरजायपडिबिंबो। साहइ सिरिदसणूसुयआगयपायालगंग व // 15 // तरुणतरुणीण नानामणिभृसणकिरणमंजरिगणेहिं / तं पंचवनकुसुमोवहाररुइरो य रायपहो // 16 // जीए जिणमंदिरेसुं सहति सियचलिरवेजयंतीओ।नंकारावइ पुनोदयखीरनिहिबहललहरीओ॥१७॥ कल्लागमयमहसवमंदरमंथेण सबविबुहेर्हि / मस्थिजंते दुरियऽनवम्मि जत्थुच्छलइ लच्छी // 18 // सुमणसजणाण पीयसपाणललियाई जत्थ अच्छेरं / सारंगजुयलसंगयसहरिसगोविंदलक्खाई // 19 / / भोगीहिं विबुहेहिं, अइसयपुत्रेण मणुयलोएण / जीए नयरीए सच्चं, तिहुयणलच्छीण सहवासो // 20 //

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