Book Title: Jain aur Bauddh Bhikshuni Sangh
Author(s): Arun Pratap Sinh
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 272
________________ .अनुक्रमणिका : २५३ ७, १८२ .nn १२० १८ . सामायिक ८६, ८७ सूत्रकृतांग सामायिक चारित्र ३१ सूत्तु इस उपसिथ सारनाथ ९९, २०६, २०७ सूयासावित्री सारिपुत्र ९२, १९५, १९७ सूरसेन सावसेसापत्ति १४५ सेखिय साल्ह (बौद्ध उपासक) ८४, २१५ सेणा (ज० भि०) सिंध (नदी) ६५, २०० सोखा (बौ० भि०) सिन्धु सौवीर ६३, २०१ सोतापत्तिफल सिंहल ____ २८. ५५, ५६ सौदामिनी (बौ० भि०) . २१२ सिंहा (बौ० भि०) १०५, १०६ सौराष्ट्र ६३, २०१ सीता सोर्य ६३, २०१ सुकाली (जै० भि०) १४, ९५ स्तवन ८६, ८७ सुकुमारिका (जै० भि०) ११४ स्तुतिप्रत्याख्यान सुकुमालिका (जै० भि०) १४ स्थविरा १०९, १२८, १२९, १३४, सुकृष्णा (जै० भि०) ९५ १८६ सुत्तपाहुड़ १८९ स्थानांग १२, १९, २०, ३४, ८७, सुत्तपिटक १०० ९१, १८८ सुदित्रिका (बौ० भि०) १६, २३, २२१ स्थानेश्वर ६३, २०० सुन्दरी (ज० भि०) १५, १९, ९३, १४, १५ सुन्दरीनन्दा (बो० भि०) ८४, १२३, स्वाध्याय ८६, ८७, ९१ ९६ स्थानांग टीका २३ १८८, १९९ स्थूलभद्र २१५ ह ८३ २१७. सुप्रिया (बौद्ध उपासिका) हत्थाल्हक विहार सुभद्रा (जै० भि०) २० हरिभद्र १८८ सुमंगलमाता (बो० भि०) १०२ हर्षचरित २११ सुमेघा (बौ० भि०) १९, ९९, १२३ हलेबीड सुलभा ५,६ हाथीगुम्फा अभिलेख ८२, २०१, २०२ सुव्रता (जै० भि०) १९, ९१ हताहतिका सूई विहार अभिलेख, ८४ हेमश्री (जै० भि०) सूची (सूई) ५२, ५८ ह्वेनसांग १२, ५७, १२५, १९८, सूचीघर १६२ २०७,२०८, २११, २१२ सूतातीकिनी १९८, २१० होमदेवी (जै० भि०) २०५ २०५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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