Book Title: Jain aur Bauddh Bhikshuni Sangh
Author(s): Arun Pratap Sinh
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 277
________________ २५८ : जैन एवं बौद्ध भिक्षुणी-संघ वही (चतुर्थ एवं पंचम भाग) : सम्पा.-जोहारपुरकर, विद्याधर, भार तीय ज्ञानपीठ, काशी (वाराणसी)। थेरी गाथाएँ : उपाध्याय भरत सिंह, सस्ता साहित्य मण्डल प्रकाशन, नई दिल्ली । धर्मशास्त्र का इतिहास : काणे, पी० वी० (अनु०-अर्जुन चौबे), (प्रथम भाग) हिन्दी समिति, सूचना विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ। निशीथ-एक अध्ययन : मालवणिया, दलसुख, सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा। बौद्ध धर्म के २५०० वर्ष : बापट, पी०, वी०, पब्लिकेशन डिविजन, ओल्ड सेक्रेटेरियट, दिल्ली, १९५६ । बौद्ध एवं जैन आगमों में : जैन, कोमल चन्द्र, सोहन लाल जैन धर्म नारी जीवन प्रचारक समिति, अमृतसर, १९६७ । बौद्ध धर्म के विकास का : पाण्डेय, गोविन्द चन्द, हिन्दी समिति, इतिहास (द्वितीय संस्करण) सूचना विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ । ENGLISH Age of Imperial Unity : Ed. Majumdar R.C., Bhara(Part II) tiya Vidya Bhawan, Bombay, 1951 Ancient Indian Education : Mookerji R. K., Macmillon (Brahmanical And Buddhist) and Company, London,1947 Asceticism In Ancient India : Chakraborti, H., Punthi Pus. taka, Calcutta, 1973 Asoka : Mookerji, R.K., Macmillion And Co., London, 1928 Buddha, His Life, His Doct- : Oldenberg, H., Book Comprine, His Order any Ltd. Calcutta, 1927 (translated into English from German by William Holi) Buddhist Sects In India : Dutta, Nalinaksha, Firma, (Re-print, 1978) KLM, Private Ltd. Calcutta, 1977 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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