Book Title: Jain Yug 1937
Author(s): Mohanlal Dipchand Chokshi
Publisher: Jain Shwetambar Conference

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Page 68
________________ न युग al.1-12-1439. श्री जैन श्वेतांबर कॉन्फरन्स. श्री कॉन्फरन्स केळवणी प्रचार केन्द्रस्थ समिति. [ स्थानिक समिति माटेनी प्रश्नावली.] जे कोई स्थानिक समितिने केन्द्रस्थ समिति पासेथी पोताना कार्य माटे आर्थिक मददनी अपेक्षा होय तेणे नीचे जणावेली दरेक बाबत संबंधमां पोताना कार्यक्षेत्रने लगती विगतवार माहिती मोकली आपबी. १. तमारी समिति कया गाम, शहेर अथवा तो तालुकानी प्रस्तुत योजनामां सुचवेली केळवणीनी जरुरीयातोने पहोंची वळवा धारे छे ? २. तमारी समितिए स्वीकारेला कार्यक्षेत्रनी प्रस्तुत योज नानी मर्यादामां आवतो केळवणीने लगती शुं शुं जरुरीयातो छ ? अने ते सर्वने पहोंची वळवा माटे बीजेथी मळती मददो बाद करतां केटलो रकम जरुरी गणाय ? ३. आ कार्यने पहोंची वळवा माटे तमारा कार्यक्षेत्रमा केळवणी फंड, संस्था, ट्रस्ट, राज्य प्रबंध के एवी कोई बोजी व्यवस्था छे के नहि भने होय तो शु शंछे ! ४. तमारी समिति तमारा कार्यक्षेत्रमांथी केटली वार्षिक आर्थिक मदद मेळवी शके तेम छे ! आज सुधीमां तमे केटली मददनां वचनो मेळव्यां छे अने केटली रकम एकठो करी छे ? केन्द्रस्थ समिति पासेथी तमारी समितिने केटली मददनी अपेक्षा छे अने ते मदद संबंधमां केवा हफता तमने अनुकूळ छे? लि० सेवक, पातका स्थळ तारीख कारस केली चार स्थानिक समिति मंत्री, कॉन्फरन्स केळवणी प्रचार स्थानिक समिति.

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