Book Title: Jain Yog ka Aalochanatmak Adhyayana Author(s): Arhatdas Bandoba Dighe Publisher: Parshwanath Shodhpith VaranasiPage 16
________________ ( ज ). तीन आजीवन ट्रस्टी बोर्ड के सदस्य हैं। श्री आत्मानन्द जैन महासभा एक ट्रस्टी की नियुक्ति तीन वर्ष की अवधि के लिए करती है। वर्तमान में श्री धर्मपाल ओसवाल उनकी ओर से नियुक्त ट्रस्टी हैं। शेष ट्रस्टीगण ऑप्ट किए जाते हैं । प्रादेशिक प्रतिनिधियों पर आधारित १०१ सदस्यों की परामर्श परिषद् का भी विधान है ! ट्रस्ट बोर्ड तथा प्रबंधक समिति की नियमानुसार समय-समय पर बैठक होती है। आय-व्यय का हिसाब प्रति वर्ष आडिट होता है। बोर्ड के आद्यसंरक्षक थे-जैन समाज के सर्वसम्मत नेता, भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति स्वर्गीय सेठ कस्तूरभाई लालभाई। उन्होंने इस बात में विशेष रुचि ली कि स्मारक का निर्माण भारतीय स्थापत्य कला के अनुसार हो। आजकल उनके सुपुत्र सेठ श्रेणिक कस्तूरभाई तथा बम्बई जैन समाज के प्रतिष्ठित नेता श्री जे. आर० शाह शिक्षण निधि के संरक्षक हैं। वर्तमान में श्री रतनचंद जी जैन (देहली) प्रधान, श्री राजकुमार जैन (अम्बाला) एवं श्री बलदेवकुमार जैन उपप्रधान, श्री राजकुमार जैन (रूपनगर देहली) मन्त्री तथा श्री मनोहरलालजी (रूपनगर देहली) कोषाध्यक्ष हैं । इनके अतिरिक्त श्री सत्यपाल जैन जीरा, श्री इन्द्रप्रकाश जैन, श्री विनोद दजाल, श्री निर्मलकुमार जैन, श्री सूरजप्रकाश जैन, श्री शांतीलाल जैन ( सभी देहलो) सदस्य हैं। इस प्रकार ट्रस्ट का विधान लोकतंत्र की आधारशिला पर तैयार किया गया है। आचार्य श्री जी स्मारक भूमि की यात्रा के पश्चात् पंजाब की ओर चले गए। परन्तु उनका ध्यान स्मारक के काम में केन्द्रित रहा । उन्होंने जैन-भारती साध्वी श्री मृगावती जी को तथा दिल्ली श्री संघ के कार्यकर्ताओं को ३-२-७६ के पृथक्-पृथक् पत्रों में प्रबल प्रेरणा दी कि स्मारक का कार्य शीघ्र संपन्न किया जाए। स्वर्गवास के डेढ़ मास पूर्व जगाधरी में साध्वी जी महाराज को आशीर्वाद देते हुए उन्होंने कहा "मगावती तुम्हें स्मारक का कार्य सिद्ध करना है। मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है।" मई १९७७ में मुरादाबाद में आचार्य श्री जी का स्वर्गवास हो गया। तत्पश्चात् उनके पट्टालंकार परमार क्षत्रियोद्धारक श्रीमद् विजय इन्द्रदिन्न सूरिजी महाराज का मंगल आशीर्वाद स्मारक के शुभकायों जैसे भूमिखनन, शिलान्यास, कांफ्रेंस अधिवेशन, जिनमन्दिर शिलान्यास Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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