Book Title: Jain Yog ka Aalochanatmak Adhyayana Author(s): Arhatdas Bandoba Dighe Publisher: Parshwanath Shodhpith VaranasiPage 17
________________ , ( झ ) यादि के प्रसंगों पर पू० साध्वी जी को तथा दिल्ली श्री संघ को मिलता रहा है । पू० गुरुत्रय की कृपा से और वर्तमान आचार्य महाराज के आशीर्वाद से आज तक सफलता मिली है और भविष्य में भी मिलेगी । २७-७-७९ के शुभदिन साध्वी श्रीमृगावतीजी महाराज के सान्निध्य में ट्रस्ट के प्रधान ला० रतनचन्दजी मालिक फर्म रतनचंद रिखबदास ने भूमिखनन और खाद मुहूर्तं सम्पन्न किया । सैकड़ों गुरुभक्त उपस्थित थे । अब तो भवन निर्माण के डिज़ाइन की स्वीकृति भी सम्बन्धित अधिकारियों से प्राप्त हो गयी है । १५००० वर्ग फीट में भवन निर्माण होगा । २९-११-७९ को अखिल जैन समाज की २५ वर्ष से आरोपित भावना साकार हुई | समारोहपूर्वक समग्र भारत के प्रतिनिधि हजारों गुरुभक्तों की उपस्थिति में एन० के० इण्डिया रबर कं० प्रा० लि० दिल्ली तथा मे० नरपतराय खरायती लाल फर्म के मालिक उदार हृदय, धर्मनिष्ठ, श्रावक रत्न ला० खरायतीलालजी ने अपने शुभ करकमलों से आत्मबल्लभ संस्कृति मन्दिर का शिलान्यास किया । परम हर्ष और सोभाग्य का विषय यह है कि यह शिलान्यास समारोह और अखिल भारतीय जैन श्वेताम्बर कान्फ्रेन्स का २४वाँ अधिवेशन भी वल्लभ स्मारक की बाद्य प्रेरक महत्तरा साध्वी श्री मृगावतीजी महाराज के सान्निध्य में यानन्दपूर्वक सम्पन्न हुआ । स्मारक निर्माण की ओर इससे अगला चरण बढ़ा २१-४-८० को, चब स्मारक के प्रांगण में श्री वासु पूज्य स्वामी के नूतन जिनालय का शिलान्यास महत्तरा साध्वी श्री मृगावतीजी के सान्निध्य में श्रीराम मिल्स के प्रधान तथा मे० बाटलीबाय कम्पनी लिमिटेड के अध्यक्ष श्रीप्रताप भोगी लाल, उनके कनिष्ठ भ्राता महेश भाई, पूज्या माता श्रीमती चम्पा बहन तथा परिवार के अन्य सदस्यों के शुभ करकमलों से सम्पन्न हुआ । स्मारक के अन्तर्गत सम्भावित गतिविधियाँ १. भारतीय एवं जैन दर्शन पर शोध कार्य २. संस्कृत एवं प्राकृत विद्यापीठ ३. विजयवल्लभ प्राच्य जैन पुस्तकालय ४. प्राचीन भारतीय दर्शन पर तुलनात्मक विवेचन ५. जैन एवं भारतीय स्थापत्य कला का संग्रहालय : ६. योग और ध्यान केन्द्र Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 ... 304