Book Title: Jain Tirth Yatra Darshak
Author(s): Gebilal Bramhachari, Guljarilal Bramhachari
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 6
________________ निवेदन। करीव १७-१८ वर्ष पहिले स्वर्गीय दानवीर जैनकुलभूषण सेठ माणिकचंद हीराचंदनी जौहरी जे० पी० बम्बईने अतीव परि. श्रम व बड़ा भारी द्रव्य व्यय करके "भारतवर्षीय दिगम्बर जैन बीर्थयात्रा दर्पण" नामक ग्रन्थ तैयार कराकर प्रगट किया था, जो तीव लोकप्रिय हुआ था, उसके बादमें उसको संक्षेप करके सीर्थयात्रा विवरण व तीर्थयात्रा दीपक नामक छोटी २ पुस्तकें जैन यात्रार्थियों के लाभार्थ अन्य भाइयों की ओरसे प्रकाशित की गई थीं। उनके बिक जानेपर तथा सेठ नीका यात्रादर्पण पुराना होनानेसे एक ऐसे ग्रन्थकी आवश्यक्ता थी जो हरएक यात्रीको अपनी यात्रामें साथीका काम देसके । ऐसे कार्यको सभी यात्राप खुद करनेवाला कोई अनुभवी व्यक्ति करें तब ही सरल व उपयुक्त ग्रन्थ बन सकता था। सौभाग्यसे ऐसे ही व्यक्ति श्रीमान् ब० गेबीलालनी मिल गये जिन्होंने सं० १९७८में कलकत्तामें चातुर्माप्त करके अपने निनी अनुभवसे अतीव परिश्रम करके 'जैन तीर्थयात्रा दर्शक' नामम पुस्तक लिखी और कलकत्ता जैन समाजने बड़ा चंदा करके उसके २५०० प्रतियां छपाई थी तथा प्रायः मुफ्त में बांटी थीं और कुछ अतियां अतीव अल्प मूल्यमें दी गई थीं। जिससे इसका बहुत प्रचार हुमा और इसकी विशेष मांग होने लगी थी। तब हमने श्रीमान ब. गेबीलालनीसे निवेदन किया कि यदि आप इस पुस्तक सुस्तक छपाई गई 4

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