Book Title: Jain Tarka Bhasha
Author(s): Yashovijay Upadhyay, Sukhlal Sanghavi, Mahendrakumar Shastri, Dalsukh Malvania
Publisher: Saraswati Pustak Bhandar Ahmedabad

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Page 26
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only सिंघी जैन ग्रन्थमाला] [जैन तर्कभाषा wिanaGAसमिwिwauageमाwिeRनिugmetaminविल सोलह HASKA s सारिखनएजmadurairanानेमानायक कारननवानिमंतवादेशिनाप्रमाणनयनिक्षेप सकलावलम्हारा SAMRAस्वपरव्यवसायितामेश्मावास्थमास्मातामस्मघरचासमित्यापरसस्मादम्बार यवस्पतियथास्थितनिधिनोमात्पेशनिस्वपरव्यवसायाचवपनितिष्यामिवारयामा RAMानपसंशयविपर्यायामध्यवसायवृत्तकारणायव्यवमाथिपेदापरोकवादिवादिन समामामासकादानाबादसापिलापिनी तामायावतवादिनीचमतनिरासायखेधारतिस्वरु Tags पविज्ञाषाधमुक्तानज्यवसम्यगस्तान मवप्रमाणमित्यातनंदाकिंमन्पतफलेल्या यमितिावत्सत्वांव्यवसितम्वतस्फल स्वाहानादवमाणिवपरख्यवसायिवान नस्यान्त्रमाणास्मपरब्यवसाथित्वात्कस्म चखयवसायित्वादितित्वमायामा लाया:विदनदेनतपाताचाम्य पाररूपमुपायागजिनमेवाण पानाव्यातयात्मास्पादिप्रकाशको संघतिनिधिारेगाकारणाक्रिया Wamanarमालिकादिनिकामसप्तस्यापितनप्रसंगाधकेविहाताला वयस्मान बाक्तिमिमिहात्मनाकरणत्वेननिर्दिष्टानविरुपाकेपंधानतिलचालयमचार्षीयारण मायकलतापमाणगिरातनदापवालेजपायागामिनाकरागनलायाफलेवानाlameri जातानीमोरातत्वम्मुिपागमनकरणफलजानाया:माराक्षप्रत्यक्षवाम्सफाम पान EMAIरमतवावधानानघतानशक्तिरप्पान्मनिस्चामायथयरिधिनियातामा मारामानववियविवविनिमनिकनयम:/ संमाझाएर निकिरिनिरतश्यवदिनमraकसविनश्यहyMS कालानमकानसातोसमपसमापरिकारवालाहोरुपमामाMARASHTRA आद्य पत्र, निजीक पाव द्वितीय पार्श्व। ..... . .... ... ... T O TAL www.jainelibrary.org

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