Book Title: Jain Tark Sangraha Jain Muktavali cha
Author(s): Vijaynandansuri
Publisher: Godi Parshwanath Jain Temple Trust

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Page 3
________________ आचार्यश्रीविजयनन्दनसूरिविरचितः मुनिशीलचन्द्रविजयकृतटिप्पण्यलङ्कृतः श्रीजेनतर्कसङ्ग्रहः, आचार्य श्रीविजयनन्दनसूरिविरचितस्त्रोपज्ञतत्त्वकल्पलताविवृतिविभूषिता जैनमुक्तावली च ॥ सर्वेऽधिकाराः स्वायत्ताः । प्रथमं संस्करणम् - वि. सं. २०३८ प्रतय:- १००० प्रकाशकः — श्रीगोडी पार्श्वनाथ जैन टेम्पल ट्रस्ट १११ / गुरुवार पेठ पूना (महाराष्ट्र) ४११ ००२ मुद्रक : 'श्री जयंतिलाल मणिलाल शाह पूजा प्रिन्टर्स एन्ड ट्रेडर्स वीर सं. २५०८ महेंदीकुवा चार रस्ता शाहपूर, अहमदाबाद ई. स. १९८२

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