Book Title: Jain Stotra Ratnakar
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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१५०
माणातिथिसंविजागवत
संपन्नश्च
१६ ॥ मारणांतिक संलेखनां जोषि ता १७|| शंकाकांक्षावि चिकित्सान्य दृष्टिप्रशंसासंस्तवाः सम्यग्दृष्टे रति चाराः १८ ॥ व्रतशीलेषु पंच पंच य थाक्रमम् १९ ॥ बंधवधव विवेदाति जारारोपणान्नपाननिरोधाः २० । मि थ्योपदेश रहस्याज्याख्यान कूटले ख क्रियान्यासापहार साकारमंत्र नेदाः २१ ॥ स्तेनप्रयोग तदाहृतादान विरुद्धराज्यातिक्रमहीना धिकमानोन्मानप्रतिरूपकव्यवहाराः २२ ॥
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