Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 04
Author(s): Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

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Page 490
________________ श्री सेठिया जैन पन्थ माला . " (6) चतुष्पद(चौपाये) बैल, गाय, भैंस,हाथी,घोड़ा आदि ......(संख्या नियत करना)। (7) धन-नकदी(चलन के नोट,सिक्के शादि)रूपया,मोहर, गिनी तथा जवाहरात कुल रूपये ....... / ___(E) धान्य-धान्य 24 प्रकार का है / एक वर्ष के लिए ....... मन धान्य। . (6) कुप्य- तांबा, पीतल, कांसी, लोहा, एल्युमिनियम यादि धातु तथा इनसे बनी हुई वस्तुए ....... मन या ...... रूपये की। ___पांचवें व्रत के पांच अतिचार (1) खेत्तवत्थु प्यमाणाइक्कमे-खेत और घर आदि के परिमाण (मर्यादा) का उन्लंघन करना। (२)हिरएण सुवएणप्पमाणाइक्कमे-चांदी सोने के परिमाण का उल्लंघन करना। 3) दुप्पय चउप्पयप्पमाणाइक्कमे-दास, दासी तथा गाय, मैंस आदि के परिमाण का उन्लंघन करना। (4 घणधरणाप्पमाणाइक्कमे-धन और धान्य के परिमाण काउन्लंघन करना। आदि धातु का तथा इनसे बनी हुई वस्तुओं के परिमाण का उल्लंघन करना। पहले से पांचवें व्रत तक श्रावक के अणुव्रत कहलाते हैं। (६)छठा दिशा परिमाण व्रतमैं अपने निवास स्थान से पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण इन

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