Book Title: Jain Siddhant Pravesh Ratnamala 01 Author(s): Digambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun Publisher: Digambar Jain Mumukshu Mandal View full book textPage 6
________________ पृष्ठ पंक्ति On w . कृपया शुद्धि ठोक करके पढ़े शुद्ध हिला पहला और सम्यग्दर्शनादि किसे कहते हैं ? इन सब में एकत्व का ज्ञान प्रगृहोत मिथ्याज्ञान है । । -एमा मानकर अपने पात्मा का प्राश्रम ले तो स्वयं की पहिबान हो। x १४ १८ सामन्य सामान्य ३४ कुज २० १७ ठहरने अवगाहन २२ ११ कार्मण कार्माण २८५ कामग कारण ३० सबसे उपर प्र० ५३ अज्ञानी हल्का भारी को जानकर रागद्वेष कसे करता है ? ३० १ प्र. ५३ उत्तर २३ कौन कौन है ? धम धर्म धर्म अधर्म धर्म अाकाश अधर्म धर्म द्रय द्रव्य अलाकाश प्रलोकाकाश लोककाश लोकाकाश प्रत्तर अन्तर अनंतनंत मनन्तानन्त ५४ १३ बष्टि वृद्धि ५४ एकमत्र एकमात्र उपशम औपशमिक GGC Aw x m woramPage Navigation
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