Book Title: Jain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 02 Author(s): Shivprasad Publisher: Omkarsuri Gyanmandir Surat View full book textPage 8
________________ ६७६ जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास १५६७ में रचित सारस्वतव्याकरणदीपिका की प्रशस्ति, जिसमें रचनाकार ने अपनी गुरु- परम्परा की लम्बी गुर्वावली दी है, जो इस गच्छ के इतिहास के अध्ययन की दृष्टि से अति मूल्यवान है । गुर्वावली इस प्रकार है : वादिदेवसूरि I पद्मप्रभसूरि Jain Education International प्रसन्नचन्द्रसूरि | गुणसमुद्रसूरि | जयशेखरसूरि 1 वज्रसेनसूरि तिलकसूरि T रत्नशेखरसूरि 1 पूर्णचन्द्रसूरि 1 प्रेम (हेम) हंससूरि रत्नसागरसूरि हेमसमुद्रसूरि हेमरत्नसूरि सोमरत्नसूरि For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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