Book Title: Jain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 02
Author(s): Shivprasad
Publisher: Omkarsuri Gyanmandir Surat

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ नागपुरीयतपागच्छ ६७९ अमरकीर्ति मुनिधर्म (वि० सं० १६५७/ई० स० १६०१ में सिरिवालचरिय के प्रतिलिपिकार) ___ उक्त छोटी-छोटी प्रशस्तियों के आधार पर इस गच्छ के मुनिजनों की एक तालिका निर्मित की जा सकती है, जो इस प्रकार है : चन्द्रकीर्तिसूरि (सारस्वतव्याकरणदीपिका के रचनाकार) हर्षकीर्ति | मानकीर्ति (कल्याणमंदिर स्तोत्रटीका __एवं अन्य कृतियों के कर्ता पद्मचन्द्र (सारस्वतव्याकरण दीपिका की रचना के प्रेरक) अमरकीर्ति भावचन्द्र (गोपालटीका के रचनाकार) । महो० देवसुन्दर शिवराज | (कल्याणमंदिर। स्तोत्रटीका के संशोधक) मुनिधर्म (वि० सं० १६५७ /ई० स० १६०१ में ___ श्रीपालचरित के प्रतिलिपिकार) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 698