Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha Part 2
Author(s): Vijaymurti M A Shastracharya
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti

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Page 447
________________ नवनेदिकुल नवहस्ति नहुष नळ नंदगिरिनाथ नंदराज नाकण नागचन्द्र- चान्द्रायण नागचन्द्र-देव नागचन्द्रमुनीन्द्र नागचमूपति नाग [ण ] न्दि नागदिन नागदिना नागदेव नागदेव्य नागपुर (ग्राम) नागभूतिक्रिया नागरखण्ड नागलदेवि नागव नाग - वर्म्स - पृथ्वीराम नागसेण नागार्जन नागा नागियक्क नाडिक (कुल) नाड़ नाणव्बेकन्ति नादा ५०१ १७४ | [ ना ] दिअ [र] ३६ / नामणैकोण १०८, ३०१ | नारणज ३०१ | नारसिंह १३८ | नारायण २ | नाळ्कोटे २६४ | निगठ २१८ | निडुतद १४५ | निडुम्बरे १८२ | निधियगामण्ड २९९ / निन्नम ११५ निम्मडिवल ३० निम्मडिधोर ३० / निरवद्यधवल १०६, १४२,२६४ निरवद्यय्य १०६ | निर्प्रन्य १४९ | निर्ग्रन्थमहाश्रमण २४ नीजिक १४०, २०७ नीजियच्चरति ३०१ । नीतिमारी १४०,१४२,१८१ | नीतिवाक्य -कोणिवम्मे १२७ नीर्गुन्द नील ४५ १४० | नीलगुन्दगे १३७ | नृप काम २९१ नेपाळ ८२ | नेमिचन्द ३०१ | नेमिचन्द्र १५० | नेमिदेव ८ नेमीश्वरतीर्थ ३५ १७४ ११५ २९९ ९०,९४ १४२ १ १८९ २१३ २२७ २९९ २१८ १५० १४३ १९३ ९९ ९८ १६० १६० १३९,१४२,२१३ २५३ - १२१ १०६ १२७ २१३ ૧૦ ११ २२७,३०१ २९९ २७७

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