Book Title: Jain Shiksha Part 03
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 11
________________ कड़ी प्यास लगी । सेना के पास पानी की एक बूंद भी नहीं बची थी, फिर भी सेनापति को प्यास से तड़फड़ाते और पानी मांगते हुए देखकर अनेक सैनिक इधर उधर भागे । वड़ी कठिनाई से उनके लिए पानी का एक प्याला मिल सका। ___ज्योंही सर फिलिप ने प्याला मुँह से लगाया त्यों ही उनकी दृष्टि एक सिपाही पर पड़ी । वह भी पास ही घायल हुआ पड़ा था और सर फिलिप की ओर दुःख मरे नेत्रों से देख रहा था । ऐसा मालूम होता था कि वह भी बहुत ही प्यासा है और मारे प्यास के उसका जी निकल रहा है। ___ सर फिलिप ने सोचा इस विकट समय में इस बेचारे को कौन पानी देगा ? उन्होंने जल का प्याला सिपाही को दे दिया और उसकी रक्षा करली । कहना न होगा कि ऐसा करने से प्यास के कारण उनके प्राण पखेरू उड़ गए। प्यारे वीर पुत्रो ! दूसरों को सुखी कर के जो प्रसन्न होता है वही सच्चा दयालु है । तुमको कष्ट सहकर के भी दूसरों का मला करना चाहिये ।

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