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मा ४] માંડવગઢ સંબંધી લેખ
[१५५] (२३) श्री तपापक्ष भट्टारक श्री विजयदेवसरिः श्री विजयसिंहमूरिभिः प्रतिष्ठितं ॥ संवत् १६९६ वर्षे माघ मासे कृष्ण पक्षे प्रतिपत्कर्मवाट्यां श्री मंडपदुर्ग श्रीमन्नागपुरीय तपागच्छे श्री पासचंदसरिगुरुभ्यो नमः श्री जयचंद्रसूरिविजये। साह घेता भा. षोषी सुत वसंदेवा भा.-सिवालेखा"....."तां कारितं मरमुंज............... सोमजी एभिः बिंबं-प्रतिष्ठापितं श्रीमाली गोत्रे । ___ यह लेख बराणपुर में श्री चन्द्रप्रभुस्वामी की श्वेतपाषाण की २॥ फुट ऊंची मूर्ति पर है। पृष्ट ९७ नं. ९ ।
(२४) श्री तपागच्छे भट्टारक श्री विजयदेवसरिः श्री विजयसिंहमूरिभिः प्रतिष्ठित ॥ संवत-१६९६ वर्षे माघ मासे कृष्ण पक्षे १ तिथौ श्री मंडपदुगै। श्रीमन्नागपुरीय तपागच्छे श्री पासचंद्रसूरिगुरुभ्यो नमः भट्टारक श्री जयचंद्रसरि आ। श्री विजयचंद्रकृते। साह घेता। भा.। खोखी सुत वसंदेवा शिवा । लेखा । एभिः.....
यह लेख बराणपुरमें गोडीजीके मंदिर में पश्चिम बाजू श्वेतपाषाणकी मूर्ति पर है । गृष्ठ ९८ नं. १०
(२५) श्री तपागच्छे भट्टारक श्री विजयदेवमूरिः आचार्य श्री विजयसिंह सूरिभिः प्रतिष्ठितं ॥ संवत १६९६ वर्षे माघ मासे कृष्णपक्षे प्रतिपत्कर्मवाटयां चन्द्रवासरे श्री मंडपदु श्रीमन्नागपुरीय श्रीमबृह तपागच्छाधिराज भट्टारक युगप्रधान श्रीपासचंद्रसूरिस्तत्पट्टावतंश श्री श्री श्री विमलचंद्रसूरीणां पट्टालंकार श्री विजयचंद्रसरिअ॥ वा. श्री विजयचंद्रकृते । साह खेता भार्या षोषी सुत वसंदेवा भा. देवलदे से. शिवा भा। पलाणदे.........
यह लेख बराणपुरके श्री गोडीजीके जैन मंदिरमें एक मूर्ति पर है। पृष्ठ ९८ नं ११
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