Book Title: Jain Satyaprakash 1937 11 SrNo 28
Author(s): Jaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
Publisher: Jaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad

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Page 40
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir શ્રી જૈન સત્ય પ્રકાશ [१५३ जगत् गुरु बिरुदधारक भ० श्री हीरविजयसूरीश्वर स्तत्पट्टालंकार भ० श्री विजयसेनसूरीश्वर भट्टारक स्तत्पट्टालंकार भट्टारक श्री विजयदेवसूरीश्वर निर्देशात् पं० जयविजयगणिभिः प्रतिष्ठितं ॥ । __ यह लेख प्रवे० पा० २१ इंच उंची प्रतिमाकी पाटलीके अग्र भागमें है । पृष्ठ ९६ नं. ८ मांडवगढ जैन मंदिरके कंपाऊंडम धर्मशालाका खोद काम करते जमीनमेंसे ता. ३-८-१९०७ को नौ मूर्तियां, एक पांच सेर का ताला, दो घट्टी, दो ओरिसे, व लोटे वगैरह निकले थे। पृष्ट ९५।९६ नं. २।८ ये ९ मूर्तियां वहांके मंदिरमें स्थापन की उसमें नं. १८।१९ उपर्युक्त लेखवाली प्रतिमा है बाकी ७ प्रतिमा बिना लेखवाली होगी। (२०) संवत् १५०८ वर्षे आषाढ वदि १ रवौ मंडपवासि श्रीमाल सं. डुंगर धीना वृद्ध भ्रातृ भा० कमलाबाई सुत सखण भार्या मनखत नामन्या सं. पाहू भा० हर्षी पुच्या स्वश्रेयसे श्रीआदिनाथ बिंबं का० प्र० तपागच्छेश श्री सोमसुन्दर शिष्य श्री उदयनंदिमूरिभिः - यह लेख धातुकी ९ इंची मूर्ति पर हो कर इन्दौर में माणेकचन्द्र यतीवाले सराफे के मंदिर में स्थापित है। -पृष्ठ ९४ नं. १ (२१) संवत् १५१७ वर्षे माघ शुदी १० मंडपदुगै प्राग्वाट माह कुंपा भार्या मृलेसरि पुत्र साह वरसाकेन भार्या रूपी पुत्र साह लाखा भार्या लहमाई प्रमुखयुतेन स्वपितृश्रेयशे श्री संभवनाथ बिंबं का. प्र. तपा श्री रत्नशेखरसारिपट्टे गच्छनायक श्री लक्ष्मीसागरसूरिभिः । यह लेख उज्जैन के अवंतीनाथ के जैनमंदिर में धातुकी ९॥ इंची मूर्ति पर है। पृष्ठ ९५ नं. ३ । (२२) संवत् १५५० वर्षे वै. शु. ३ शनी मंडपदुर्गवासी श्रीमाल शातिय में. सांडा भार्या माऊ सुत मं. चांपाकेन भा. चांपलदे चांपू वृ. भ्रातृ काला मकुंद भगिनी बहू प्रमुख कुटुंबयुतेन स्वश्रेयोर्थ श्री चन्द्रप्रभु बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छेश श्री सोमसुन्दरमरि शिष्य श्री जयचंद्रसूरिपादैः श्रीः ॥ यह लेख उज्जैनके अवंतीनाथके मंदिर में धातुकी पंचतीर्थी पर है। पृष्ठ ९६ नं. ६ । २ ये नौ मूर्तियों के बारे में शिलालेख " श्री जैन सत्य प्रकाश 'के वर्ष २ अंक ११ के पृष्ट ५८० में लेख नं. ८।९का प्रकाशित हुवा है। For Private And Personal Use Only

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