Book Title: Jain Sahitya me Shrikrishna Charit
Author(s): Rajendramuni
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 309
________________ परिशिष्ट - ३ ४०. जैन साहित्य और इतिहास, ले O--- - नाथूराम प्रेभो प्र० - हिंदी ग्रंथ रत्नाकर प्रा० लि० बम्बई, १६५६ ४१. जैन दर्शन और संस्कृति का इतिहास, ले० - डा० भागचन्द्र भास्कर प्र०- - नागपुर विद्यापीठ, नागपुर, १६७७ ४२. जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज, ले ०. प्र० ---- चौखम्भा विद्याभवन, वाराणसी [० - डा० जगदीशचन्द जैन ४३. दशवेकालिक सूत्र : हरिभद्र वृत्ति प्र० - मनसुखलाल महावीर प्रिंटिंग वक्सं, बम्बई ४४. द्विसन्धानम्, सं० - शिवदत्त शर्मा प्र० - निर्णयसागर प्रेस, बम्बई, १९२४ ४५. त्रिषष्टि शलाका पुरुष चरित्र, ४६. तेरहवीं चौदहवीं शताब्दी के जैन संस्कृत महाकाव्य ले० - श्याम शंकर दीक्षित प्र० - मलिक एण्ड कम्पनी, जयपुर, १६६६ ४७. नाट्य दर्पणम् प्र० - ओरिएण्टल इन्स्टीट्यूट, बडौदा, १९४६ ४८. नाममाला, प्र०- - भारतीय ज्ञानपीठ काशी, १९५० ४६. नेमिदूत, सं०० - म० विनयसागर Яо - सुमति सदन, कोटा, २००५ ५०. नेमजी और राजुल का संवाद, मंगल पाठ सं० - राजेन्द्र मुनि, प्र० -- तारक गुरु जैन ग्रंथालय, उदयपुर, १६८२ ५१. नेमवाणी, सं० – देवेन्द्र मुनि शास्त्रो प्र० – तारक गुरु जैन ग्रंथालय, उदयपुर ५२. नेमि निर्वाणम्, सं० पण्डित शिवदत्त शर्मा व काशीनाथ शर्मा प्र० -- निर्णय सागर प्रेस, बम्बई, १९३६ ५३. नेमिचन्द्रिका (हस्तलिखित प्रति ) जैन मंदिर बड़ा तेरापन्थियों का, जयपुर Jain Education International २६१. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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