Book Title: Jain Sahitya ka Itihas 01
Author(s): Kailashchandra Shastri
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan

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Page 9
________________ ( ७ ) पारिश्रमिकमें ही सम्मिलित है, इनका मैंने कोई नया पारिश्रमिक नही लिया है । भगवान महावीरके पच्चीससौवे निर्वाण महोत्सव वर्ष की समाप्तिके साथ ही इसका प्रकाशन विशेप आनन्दकारी है । इसमें उन्हीकी दिव्यध्वनिसे निसृत वाड, मयका इतिहास गुम्फित है । वीरप्रभुका शासन जयवन्त रहो । दीपावली वीर नि० स० २५०२ कैलाशचन्द्र शास्त्री

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