Book Title: Jain Patra Sahitya Part 01 Author(s): Kavin Shah Publisher: Kusum K Shah Bilimora View full book textPage 1
________________ Jain Patra Sahitya Part 1 જૈન પત્ર સાહિત્ય ભા.૧ __(मध्यादीन) महायान अषानुना केन्द्र, कोय । Pा माग गानमनिनोकागजानियामा जमोकनाजोराजनार- M३०३२८ सुपजीवाशवीसाात्रा केसोजेकनावामास्वस्तिवापाश्चपरमवराय लिमवारजीएaa मानतीतत्र श्रीबजाया एनिमुमाराध्यकलपीशशि सरयारेशमा अलपीशीजशविन्याचा नाशास्तानिहायेसजालसामायकोबालापहाविजय FEMAamARमलियानावाचारवाचतोऽन्त्रक सरवजीसदेसारेवनातित खात्रामकऽपरितमायनाचा धारजोजिीवासमज काम मिनायाबकरतीनुषधाजी पापीस्तावेजनाशिष्य कामाकागावर ठिस ऋतिभापार्थाषणम्पमान , रातिनामस्वादंग कि कनिनवऽश्विरालपरिया अयंपलामुएधनश्रीधामाबुल पालामुक्तिधर्मनियोग्पालालगाशयातनाएकवत मेवात्वत्पवयातथाअवनोक राणबाजकन रिकताचवेबाजुत्रदिशपत्रकअत्रमाता अलपतात पण पानमालानावकमाविकानामानिम्मिीदवासी धर्मगसिवानाधर्मगलिवामितिविनयगणिवाहित जकल्पागनि गुरुटिरजीमानकगुणगायाए कायपाहियरतवनरेसहनेगमे।सहनापूरसोको लाचमलिगनेनातिनेजिनी कागला -आ..श्री कैलासुसमरारिशाननंदिर EASE hajan मा. श्री केशव्यापार सूरि भन.मर । महावीर गेन भायपना केन, कोबा. जनज्यूबासतरज्यो मासीवरसंतीनिलांनीवहीरंगरेकि बीमातिएकसाहे... करजी कागदहितकरवाचायो अंगेभानसीक २५रायली पाहीलकरीची गय मनसभोसरबत्यो बीचमासबदायई सुमनसतमकीजीय सहपसरलष्टाय माकरणकमक कामपाधिसजाय सलमसन मिलकरहर मकरारूण मि परमिसनकरसकै गोमनीमा कामउहानिधाया हेनरा बोचोमनधरचूप उपसन उसे निकसैषश्रमतिलाजाधितकागदसंपूरगे। Jain Education International For Private & Personel vse Only 4.CO ingiren sorg For Private & Phlesh si. sqन शाहPage Navigation
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