Book Title: Jain Parampara aur Yapaniya Sangh Part 02 Author(s): Ratanchand Jain Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra View full book textPage 5
________________ जैनपरम्परा और यापनीयसंघ (जैन संघों के इतिहास, साहित्य, सिद्धान्त और आचार की गवेषणा) द्वितीय खण्ड कुन्दकुन्द का समय षट्खण्डागम एवं कसायपाहुड की कर्तृपरम्परा प्रो० (डॉ०) रतनचन्द्र जैन पूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष : संस्कृतविभाग शा० हमीदिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय भोपाल, म.प्र. पूर्व रीडर : प्राकृत तुलनात्मक भाषा एवं संस्कृति विभाग बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, म.प्र. सर्वोदय जैन विद्यापीठ, आगरा (उ.प्र.) Jain Education Interational For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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