Book Title: Jain Katha Sahitya
Author(s): Hasu Yagnik
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 9
________________ 82 अनुसंधान-२९ ब्राह्मणग्रंथ, आरण्यक वगेरे वेदसंलग्न छे अने एमां अनेक कथाओ छे. ऐतरेय ब्राह्मण : ७-१३.१८मां शुनःशेपनी, शतपथ ब्राह्मण १-४.५ अने ८.१२मां मन अने वाणी वच्चेना विवादनी कथा : आम अनेक कथाओ मळे छे. उपनिषदमां भारतीय तत्त्वज्ञान साथे ब्रह्म, आत्मा, माया वगेरेने स्पष्ट करती कथाओ छे. प्राणी कथा तो वेदमां पण छे. छांदोग्य उपनिषदमां भोजन माटे भसी शके एवा कूतरानी शोधनी, हंसो वच्चेना संवादथी आकर्षाता रेंकवनी, वृषभ, हंस वगेरे द्वारा उपदेश प्राप्त करता सत्यकामनी कथा छे. वेदोत्तर साहित्य पछीना कथा साहित्यना सर्वोत्तम शृंग रामायण अने महाभारत छे. प्राचीन साहित्यनो आ बीजो तबको प्रो. मेकडोनल इ.स.पू. ५०० थी इ.स.पू. ५०ना वर्षनो जणावे छे. वीरचरितकाळमां कुबेर, गणेश, कार्तिकेय, लक्ष्मी, पार्वती जेवां नवां देवदेवीओनी कथाओ मळे छे अने नाग, यक्ष, गंधर्व, राक्षस जेवां मानवेतर पात्रोनो कथामा प्रवेश थाय छे. भारतीय संस्कृतिना आत्मा जेवा रामायण अने महाभारतनी कथाओ भारतीय आर्योना संघर्ष अने समन्वयनो कथा द्वारा इतिहास आपे छे. महाभारतमा वेदव्यास कुरुवंशनी कथा साथे पांडव-कौरवना भीषण युद्धनी कथा आपे छे. गीता जेवो तत्त्वज्ञाननो उत्तम ग्रन्थ आ कथामां मळ्यो छे. रामायणकथा द्वारा वाल्मीकि उत्तम आदर्श राज्य, राजवी, दंपती अने कुटुंब- चित्र आपे छे. देश-विदेशनी अनेक जातिओ अने तेमनी भाषाओमां रामकथा पहोंचे छे. पुराणसाहित्यमां देवदेवीओना माहात्म्यनी साथे ज अनेक ऋषीमुनीओ, राजवीओनी कथा मळे छे. विपुलसंख्यामां लोककथाओ पुराणोमां मळे छे. आ पुराणोनुं साहित्य भारतीय आर्योना सामाजिक, राजकीय, सांस्कृतिक इतिहासनी सामग्री पूरी पाडे छे. प्रशिष्ट संस्कृतना गाळामां कथा निमित्ते उत्तम महाकाव्यो अने नाटको मळे छे. 'कादंबरी' जेवी उत्तम कथा, दशकुमारचरित, पंचदंड, हितोपदेश, कथासरित्सागर जेवा कथाना आकरग्रन्थो पण आ धारामां मळ्या छे. २. बौद्ध साहित्य प्राचीन परंपरा धरावता बौद्ध साहित्य, कथासाहित्य १. पिटक २. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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