Book Title: Jain Katha Ratna Kosh Part 07
Author(s): Bhimsinh Manek Shravak Mumbai
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 10
________________ अनुक्रमणिका. समुनु समानपj.ते शिवाय प्रसंगोपात बीजी पण कथा ..... एa Gबहे नवें तेप्टथ्वीचं,गुणसागर,कयालोकमांकवादेव थया इत्यादि. १३३ ए चोथा सर्गमां. सातमे नवें पृथ्वीचं देवरथ राजा थयो,तथा गुण सागर तेनी रत्नावली नामा स्त्रीथयो.तेनुं चरित्र.तेमां रत्नावलीने परणवाजातांरस्तामाएकविद्याधरनुं मंत्रपदथी साहायकर त था तेनाथी वैक्रियविद्याने ग्रहण करी त्यांथीरत्नावलीने गाम जइ तेनीसाथे लग्न अनेप्रसंगोपातधर्मवसुनामा मुनिनी देशनामांआ संसारने स्मशाननी उपमा, तथा पंचपरमेष्ठीना स्मरणमाहात्म्य रूप संगत निन्ननुं वृत्तांत तथा तेनाप्रसंगमांकोइएक रत्नशिख राजा नुं सविस्तर चरित्र,तेमां वली कोइ नाटयूँ कहेलुं वीरांगद,अनेसु मित्रनुं मोहोट्टे चमत्कारिक कथानक.ए शिवाय बीजीपण कथाने. १३४ १० बातमे नवें पृथ्वीचंगुणसागर कयालोकमां केवा देवथया इत्यादि. १७७ ११ पांचमा सर्गमां. नवमे नवें पृथ्वीचं पूर्णचं नामा राजा थयो, तथा गुणसागर तेनी पुष्पसुंदरीनामा स्वीथयो. तेनुं चरित्र. तेमां ते पुष्पसुंदरी साथें लम थवानी कथा, प्रसंगतः श्रुतसुंदरमुनियें पोताने संसारपर वैराग्य थई दीक्षा लेवाना कारणमां पोतानी गृहस्थदशामा स्वस्त्रीयोने कोइ मुनियें पांच माहाव्रतनो उपदेश कयो ते, अने ते पांचमाहाव्रत आश्रयी पांच कथा. तथा पूर्णचंझे सस्त्रिक दीदा लीधी. ते शिवाय बीजी पण कथा . १०७ १२ दशमे नवें पृथ्वीचंगुणसागर कये देवलोकें केवा देव थया.इत्यादि. २४७ १३ बम सर्गमां. अग्यारमे नवें पृथ्वीचं सूरसेन राजा थयो, तथा गुणसागर तेनी स्त्री मुक्तावली थयो, तेनुं चरित्र. तेमांप्रसंगोपात सूरसेनना पितानो पुत्र थवा माटे मंत्रसाधनप्रयास, सूरसेननो जन्म, तथा मुक्तावलीसाथें लम थवानुं वृत्तांत, सूरसेन अने तेनी स्त्रीना करेला यंता पिकायुक्त चमत्कारिक प्रश्नोत्तर, सूरसेनना पितानुं वैराग्य थवाथी दीक्षा ग्रहण, रात्रिनोजननिषेध अने रात्रि जोजन करनार अन्यदर्शनीयोनुं खंमन, अने अधर्मना राय हीयो माटे एकमुराग्रही ग्राम्य बोकरानी कथा. अने सस्त्रिक सू रसेने दीक्षा लीधी ते. एशिवाय प्रसंगोपात बीजी पण कथाउजे. २४ए

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