Book Title: Jain Katha Ratna Kosh Part 03
Author(s): Bhimsinh Manek Shravak Mumbai
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

View full book text
Previous | Next

Page 3
________________ ૪૯ rammercemewati Au - yms - - NAGAR जनकारत्नकाप जाग त्रीजो. a - S - . - - CE: आ पुस्तकमां .. मोडविवेकनो गम नया श्रीधर्मनानं स्तवन भने श्रीरामकलमिती सन्ट, बालाबोध तथा प्रत्येक बाल उगा आपली दानिक कथा सहित छ. समस्त साधु आवक वर्गने भणवा पांचवा माटे घणाज उपयोगी जाणीने । श्रावक नीमसिद मारणक श्रीमोहमयी पत्तन मध्ये निर्णएमगर नामक मुद्रालगमा मुद्रित कगाके. सरकारना कायदा प्रमाणे हक नोधाग्यो छे. .

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 397