Book Title: Jain Hiteshi 1921 Ank 01 02 Author(s): Nathuram Premi Publisher: Jain Granthratna Karyalay View full book textPage 1
________________ भाग १५ । Jain Education International जैनहितैषी श्रीवर्द्धमानाय नमः । पूस, माघ सं० २४४७ । जनवरी, फरवरी सन् १६२१ विषय-सूची १ - उपासना तस्व २- हाथी गुफाका शिलालेख ३ - पुरानी बातों की खोज ४ - विशेष अनुसन्धान ... ५- सिद्धवरकूट ६ - प्रतिमा के लेखपर विचार ७ - बहुविवाह विरोधका रहस्य ८- सेठ लालचन्दजी सेठीके भाषणका कुछ सारभाग ६- कुछ सामयिक बातें... ६४–७२ ७३–७६ ७६ - ८१ ८२-८३ ८५-८६ ६६-० ८६ - ६१. 83-88 ६६-१०२ | १० – कुछ ऐतिहासिक बातें ११ - जैनेन्द्र व्याकरण और आचार्य देवनन्दी ... १२ – कांग्रेस १३ – तीथके झगड़ोंको निबटाने का उपाय १४ – समस्त दिगम्बर जैन पंचों से अपील १५ - विविध विषय १६ - सूत कातनेका कर्त्तव्य ... सम्पादक, बाबू जुगुल किशोर मुख्तार । श्रीलक्ष्मीनारायण प्रेस, काशी For Personal & Private Use Only १०२ - १.५ १०५-१०६ १०६ - ११० प्रार्थनायें । १ जैनहितैषी किसी स्वार्थबुद्धि से प्रेरित होकर निजी लाभ के लिये नहीं निकाला जाता है। इसके लिये समय, शक्ति और धन- का जो व्यय किया जाता है वह केवल निष्पक्ष और ऊँचे विचारोंके प्रचारके लिये; अतः इसकी उन्नतिमें हमारे प्रत्येक पाठकको सहायता देनी चाहिए । २ जिन महाशयों को इसका कोई लेख अच्छा मालूम हो उन्हें चाहिए कि उस लेखको वे जितने मित्रोंको पढ़कर सुना सकें, अवश्य सुना दिया करें । ३ यदि कोई लेख अच्छा न मालूम हो अथवा विरुद्ध मालूम.. हो तो केवल उसीके कारण लेखक व सम्पादकसे द्वेषभाव धारण न करने के लिये सविनय निवेदन है । ४ लेख भेजने के लिये संभी सम्प्रदायके लेखकों को आमंत्रण है । सम्पादक । ११०-१२२ ११३-११४ ११५- १२७ १२७-१२८ अंक ३, ४. www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 ... 68