Book Title: Jain Dharm ki Hajar Shikshaye
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar

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Page 269
________________ ग्रंथ व ग्रंथकार परिचय (प्रस्तुत पुस्तक में जिन ग्रन्थों से शिक्षाएं संकलित की गई हैं उन ग्रंथों व ग्रंथकारों का संक्षिप्त परिचय । १ अन्ययोगव्यवच्छेदद्वात्रिशिका (आचार्य हेमचन्द्र सूरि वि० १२वीं शती) २ अनुयोगद्वार सूत्र (आगमों में चार मूल आगम में अन्तिम आगम) .३ अमितगति-श्रावकाचार (आचार्य अमितगति) ४ अभिधानचिन्तामणि कोश (आचार्य हेमचन्द्र मूरि १२वीं शती) ५ आचारांग सूत्र (आगमों में प्रथम अंग आगम) ६ आचारांग चणि (आचार्य जिनदास महत्तर वि० ७वीं शती) ७ आचारांग नियुक्ति (आचार्य भद्रबाहु (द्वितीय) वि० ५-६ठी शती) ८ आत्मानुशासन (आचार्य गुणभद्र, जिनसेन के शिष्य वि० ६-१०वीं शती) २३५

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