Book Title: Jain Dharm ki Hajar Shikshaye
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
View full book text
________________
अंध व ग्रंथकार परिचय
२३९
४७ प्रश्नव्याकरणसूत्र
(आगमों में १०वां अंग आगम) k८ प्ररामरति प्रकरण
(आचार्य उमास्वाति) ४६ प्रज्ञापनासत्र
(आगमों मे चौथा उपांग आगम) ५० बृहत्कल्पभाष्य
(जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण)
५१ बोधपाहुड
(आचार्य कुन्दकुन्द) ५२ भक्तपरिज्ञा
(४५ आगमों में ३७वां आगम) ५३ भगवती आराधना
(दिगम्बर आम्नाय का प्रमुख ग्रंथ) ५४ भगवती सूत्र
(आगमों में ५वां अंग आगम) ५५ भगवती टीका
(भगवती सूत्र पर अभयदेव सूरि-(नवांगी टीकाकार) की टीका
वि० १२वीं शती) .५६ भावपाहुड
(आचार्य कुन्दकुन्द) ५७ मरणसमाधिप्रकीर्णक
(८४ आगमों की क्रम सूची में ५५वां आगम) ५८ मनोनुशासनम्
(आचार्य तुलसी रचित, वर्तमान शती)

Page Navigation
1 ... 271 272 273 274 275 276 277 278 279