Book Title: Jain Dharm ki Hajar Shikshaye
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar

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Page 275
________________ ग्रंथ व ग्रंथकार परिचय ७२ श्राद्धविधि ७३ श्रावकधर्मप्रज्ञप्ति ( श्वेताम्बर आम्नाय का श्रावकाचार विषयक ग्रंथ) २४ शीलपाहुड ( श्रावकाचार विषयक श्वेताम्बर ग्रंथ ) २७५ शुभचन्द्राचार्य V ( आचार्य कुन्दकुन्द ) ७६ स्थानांग सूत्र ( ज्ञानार्णव आदि के रचयिता, दिगम्बर जैन आम्नाय के प्रौढ़तम विद्वा वि० १२वीं शती) ७७ सन्मतितर्क प्रकरण ( आगमो में तीसरा अंग आगम ) ( आचार्य सिद्धसेन दिवाकर वि० ४-५वीं शती) ७८ समयसार ७६ संबोधि १६ ( आचार्य कुन्दकुन्द का प्रमुख ग्रंथ ) (मुनि श्री नथमलजी, वर्तमान शती) ८० संबोधसत्तरि ( प्राचीन श्वेताम्बर थ ) ८१ समाधिशतक ( स्वामी पूज्यपाद, दिगम्बर ) ८२ सिन्दूरप्रकरण ८३ सूत्रकृतांग ( आगमो में दूसरा अंग आगम ) ८४ सूत्र कृतांगचूर्णि २४१ ( आचार्य जिनदास महत्तर)

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