Book Title: Jain Dharm ki Hajar Shikshaye
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar

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Page 272
________________ २३८ जैनधर्म की हजार शिक्षाएं १३ वर्शनपार (आचार्य कुन्दकुन्द वि० २ शती) ३४ दर्शनशुद्धितत्त्व (श्वेताम्बर आम्नाय का ग्रंथ) M३५ व्यसंग्रह _(आचार्य नेमिचन्द्रसिद्धान्तचक्रवर्ती वि० १०वीं शती) ३६ धर्मरत्नप्रकरण (श्वेताम्बर परम्परा का प्रसिद्ध ग्रंथ) ३७ धर्मबिन्दु (आचार्य हरिभद्रसूरि ८वीं शती) ३८ धर्मसंग्रह ३६ नन्दीसूत्र (चार मूल आगमों में अंतिम मूल आगम, आचार्य देवद्धिगणी संकलित) १. नियमसार (आचार्य कुन्दकुन्द) ४१ निशीथणि (आचार्य जिनदास महत्तर) ४२ निशीथभाष्य (जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण वि० ७वीं शती) ४३ नीतिवाक्यामृत (आचार्य सोमदेवसूरि वि० ११वीं शती) ४४ प्रणिपातदण्डक (षडावश्यक टीका) V४५ प्रवचनसार (आचार्य कुन्दकुन्द) J४६ प्रवचन सारोबार (प्राचीन संग्रह प्रथ)

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