Book Title: Jain Dharm ke Prabhavak Acharya Author(s): Sanghmitrashreeji Publisher: Jain Vishva Bharati View full book textPage 8
________________ (आठ) वर्षों मे हमारे धर्म-सघ मे साधुओ की भाति साध्विया भी इस क्षेत्र मे गतिशील ___ साध्वी सघमित्रा द्वारा लिखित प्रस्तुत ग्रन्थ 'जैन धर्म के प्रभावक आचार्य' इतिहास के जिज्ञासुओ की जानकारी के धरातल को ठोस बनाए तथा सुधी पाठको की आलोचनात्मक समीक्षा-कपोपल पर चढकर पूर्णता की दिशा मे अग्रसर बने, यह अपेक्षा है। आचार्य तुलसी सत्सग भवन, चण्डीगढ़ ५ मई,१९७६Page Navigation
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