Book Title: Jain Darshan me Trividh Atma ki Avdharana
Author(s): Priyalatashreeji
Publisher: Prem Sulochan Prakashan Peddtumbalam AP

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Page 472
________________ सहायक ग्रन्थ सूची | | ग्रन्थ, लेखक/सम्पादक/प्रकाशन तिथी । प्रकाशक/प्राप्ति स्थान अंगसुत्ताणि (खण्ड १-३), जैन विश्वभारती संस्थान, -युवाचार्य महाप्रज्ञ (वि.सं. २०४६) लाडनूं (राज.) अतीत का अनावरण, भारतीय ज्ञानपीठ -आचार्य तुलसी, मुनि नथमल अध्यात्मकमलमार्तण्ड, वीर सेवा मन्दिर, सरसाना, सहारनपुर - पं. राजमलजी (१९४४) अध्यात्मदर्शन, विश्ववात्सल्य प्रकाशन समिति, - श्री आनन्दघनजी (१७७६) लोहामण्डी, आगरा आध्यात्मिक विकास की भूमिकाएँ एवं पूर्णता - विजयजयन्तसेनसूरि अभिधानराजेन्द्रकोश - -श्रीमद् विजयराजेन्द्रसूरीजी, विजयराजेन्द्र सूरिश्वरजी (१६७१) रतलाम अमरकोष, निर्णयसागर प्रेस, बम्बई अष्टपाहुड अनन्तकीर्ति माणिकचन्द्र ग्रन्थमाला, - कुन्दकुन्दाचार्य (१६१६) बम्बई अष्टसहस्त्री - विद्यानन्द स्वामी, गांधी नाथारंगजी जैन ग्रन्थमाला, सम्पादकः बंशीधर (१६१५) बम्बई आगमयुग का जैनदर्शन, प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर -पं. दलसुख मालवणिया | आचारांगसूत्र आगमोदय समिति, सूरत आचारांगसूत्र भाग २, आगम प्रकाशन समिति, लुधियाना -आचार्य आत्मारामजी जैन आत्मतत्त्वविचार -श्रीमद् बी.बी. मेहता, विजयजयलक्ष्मण टसूरीश्वरजी, सम्पादकः श्री कीर्तीविजय गणिवर आत्ममीमांसा - मुद्रकः रामकृष्णदास, बनारस हिन्दू पं. दलसुख मालवणिया (१६५३) | विश्वविद्यालय प्रेस, बनारस आत्ममीमांसा (हिन्दी विवेचन सहित), | श्री शान्तिवीर दि. जैन संस्थान -पं. मूलचन्द्रजी शास्त्री (१६७०) आत्ममीमांसा तत्त्वदीपिका श्री गणेश वर्णी दि. जैन संस्थान, (प्रथम संस्करण) नरिया, वाराणसी (वीर.सं. २५०१) -प्रो. उदयचन्द्र जैन आत्मसिद्धि शास्त्र, -श्रीमद् राजचन्द्र (१६५२) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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