Book Title: Jain Darshan ke Maulik Tattva
Author(s): Nathmalmuni, Chhaganlal Shastri
Publisher: Motilal Bengani Charitable Trust Calcutta

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Page 523
________________ जन दर्शन के मौलिक सस्प मल्पी २५ बाबु २५ अवगाहन २६ अपकान्ति २६८ अध्यात्मवाद १५ अनादि अनन्त ३. बहुमती ३ अवधनी २९५ अपकायिक अनात्मवादी ३२ अपरिणामी ३१ अपश्चानुपूर्ती ४४ अभाव ५४ असत् १६ अन-इन्द्रिय ६१ अन्तर महूर्तस्थ ६६ अनुपेक्षा ३२७ असंही ७५ अत्यन्तामाष८१ अनन्त प्रदेशी ४ अविद्या १०३ अनेकान्त १०५ अन्तराय १०६ अप्रत्याख्यान १११ अपाय ३२७ अयशकीर्ति ११६ असंयत १२८ अपगार १३२ अनुदी १४३ अन्यधिक ११ अघश्यजन्मवेदनीय १४६ अनाभव १५० अवयव ३८ अहट १९ अविनामावी ५५ अनन्तराल गति ५६ अमनस्क ६८ अपरिक्षा ३६० अचित ७२ अपोह ७७ अपक्रमय ८३ अहेतुकवाद र अहष्ट १०३ अरूपी १०७ असात वेदनीय १११ अनादेव ११६ अप्रशस्तमन ३२६ अन्तराय १२. अनन्तानुबन्धी १२६ अनुकम्मा १३६ अपवना १४४ अल्प कर्म, मत्पवात् ire अवेदन १५४ . .

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