Book Title: Jain Darshan ke Maulik Tattva
Author(s): Nathmalmuni, Chhaganlal Shastri
Publisher: Motilal Bengani Charitable Trust Calcutta
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५३४ ]
निशंकित २५५
नील लेश्या
नैगमनय ३८८०
परिणामी ३२
परिग्रह १६
पुनर्जन्म ३२
पुण्य पाप १
पौर्वापर्य ३२
प्रमाण 5
प्रायोगिक ३६
पृथ्वी कायिक २६
परमाणु १८५
पोतज ७२
प्रवृत्ति ७६
पतैषणा ८५
मचला ११०
प्राणातिपात विरति १३२
प्रदेश उदय १३५
प्रवन्या १४६
पर्याय १७६
परिणाम १६०
पारमार्थिक १६८
परमाणु प्रचय २००
पर्यवसान २००
प्रमेयत्व २१२
जैन दर्शन के मौलिक तत्व
परिणामवादी २२२.
प्रतिपाति २५२
( प )
निर्विचिकित्सा २५५ नीच गोत्र १२७
नैगम नयामास ३८१
परलोक २०
पाप ५
पुद्गल ५ पौगलिक ३
प्रत्याख्यानपरिक्षा २
प्रत्यक्ष ६
पंचमहाभूत २१
प्लेटो १४
परिणामी नित्यत्व १०४
प्रसरण ७६
प्राणैषणा ८५
प्रसर्पण ६५
पराधात ११८
प्रारब्ध १०३
प्रायश्चित १४६
पर्युपासना १७५
प्रज्ञापकदिशा १६०
मरुपया १६३
परमाणुसमुदायजन्य १६८
पृथक भाव २००
प्रदेशावगाही २०१
पंक प्रभा २१४
प्रतिबंधक २४६
संभावना २५१४
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