Book Title: Jain Darshan ke Maulik Tattva
Author(s): Nathmalmuni, Chhaganlal Shastri
Publisher: Motilal Bengani Charitable Trust Calcutta

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Page 530
________________ . . परमार्य संसप २५६ परो १६७ प्रमाण २६७ पुद्गल संयोग २८२ प्रातिस्पिकी २८७ पौषधोपवास ३०३ प्रतिक्रमण ३२५ प्रमतसंयत ३६० परयायार्थिक नयामाव ३८१ • प्रत्यक्ष २६७ प्रमायामाव २६७ प्रत्याख्यान प्रज्ञा २५० पंडितवीर्य २८४ प्रमत्तदशा ३०१ परिष्ठापना ३२२ परिहार ३२६ पर गुण असता ३७७ बद आत्मा २८ बन्ध मोक्ष १ बादर ७४ बोध ४ ब्रह्मचर्य २० बल ६२ बीज रूचि २४७ भव्य २५२ भाव लेश्या १५१ मान नीन्द ३०६ मावानुयायित्व ३१ भुजपरिसप ६७ मोग पुरुष १६७ भोगी ३४० भौतिकवाद १८४ प्रतिमा ४५ पंचेन्द्रिय ६८ भाव कर्म १०७ भावलोक १७८ भावितात्मा ३११ भावन्द्रिय ७६ भूतवादी २२२ भोगभूमि २२० भोगोपभोगविरति ३०३ भषोपमाही २७७ परिपाक ६७ .. परत्व १८८ . मन४ . मनुष्य क्षेत्र २१२ . मनगुति १०० , - महत्तर कर्म प्रत्ययात १५• . .

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