Book Title: Jain Darshan aur Sanskriti ka Itihas
Author(s): Bhagchandra Jain Bhaskar
Publisher: Nagpur Vidyapith

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Page 435
________________ कदाग्रह या हठवादी दृष्टिकोण नहीं रहता बल्कि दूसरे के दृष्टिकोण के प्रति समादर की भावना सन्निहित रहती है। इसे सन्देहवाद या शायदवाद नहीं कहा जा सकता। यह तो अपने दृष्टिकोण की सीमा में निश्चितता को साथ लिये हुए है और दूसरे के दृष्टिकोणों के लिए पूरे मन से स्थान रिक्त किये हुए है। इस शैली से अभिमानवृत्ति और विषमता के बीज समाप्त हो जाते है और समाज समता और शान्ति की प्रतिष्ठापना में लग जाता है। स्याद्वाद और अनेकान्तवाद सत्य और अहिंसा की भूमिका पर प्रतिष्ठित भगवान महावीर के सार्वभौमिक सिद्धान्त है जो सर्वधर्मसमभाव के चिन्तन से अनुप्राणित है। उनमें लोकहित और लोकसंग्रह की भावना गभित है। धार्मिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विषमताओं को दूर करने का अमोष अस्त्र है। समन्वय वादिता के आधार पर सर्वथा एकान्तवादियों को एक प्लेटफार्म पर ससम्मान बैठाने का उपक्रम है। दूसरे के दृष्टिकोण का अनादर करना और उसके अस्तित्व को अस्वीकार करना ही संघर्ष का मूल कारण होता है। संसार में जितने भी युद्ध हुए है उनके पीछे यही कारण रहा है । अतः संघर्ष को दूर करने का उपाय यही है कि प्रत्येक व्यक्ति और राष्ट्र एक-दूसरे के विचारों पर उदारता और निष्पक्षता पूर्वक विचार करे। उससे हमारा दृष्टिकोण दुराग्रही अथवा एकांगी नहीं होगा। हरीभद्र सूरिन इसी तथ्य को इन शब्दों में कहा हैआग्रही वत निनीषति युक्ति तत्र यत्र मतिरस्य निविष्टा । पक्षपातरहितस्य तु युक्ति र्यत्र तत्र मतिरेति निवेशम् ।। महावीर के दर्शन की यह अन्यतम विशषता है कि उसमें अपरिग्रह को व्रत के रूप में स्वीकार किया गया है। अपरिग्रह का तात्पर्य है आवश्यकता से अधिक वस्तुओं का संग्रह न करना। पदार्थ विशेष में आसक्ति रखना परिग्रह है। किसी भी पदार्थ से ममत्व न रखा जाय यही अपरिग्रह है। यहाँ दीन दुःखी जीवों के प्रति कारुण्य जाग्रत करना और उनके प्रति कर्तव्यबोध कराना मुख्य उद्देश्य है। न्यायपूर्वक द्रव्यार्जन करना सद्गृहस्थ का लक्षण है। आवश्यकता से अधिक संग्रहीत वस्तुओं को उस वर्ग में वितरित कर देना बावश्यक है जिसमें उसकी कमी हो। समाजवाद का भी यही सिद्धान्त है कि सम्पत्ति किसी एक व्यक्ति या वर्ग विशेष में केन्द्रित न होकर समान रूप से हर पटक में विभाजित हो। यह समाजवाद जैनाचार्यों ने कमसे कम तीन हजार

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